व्यवस्था सुधारने कलेक्टर ने कई निर्देश दिए, पर पालन होता नहीं दिख रहा

छतरपुर व्यवस्था सुधारने कलेक्टर ने कई निर्देश दिए, पर पालन होता नहीं दिख रहा

Bhaskar Hindi
Update: 2022-09-10 07:26 GMT
व्यवस्था सुधारने कलेक्टर ने कई निर्देश दिए, पर पालन होता नहीं दिख रहा

डिजिटल डेस्क,छतरपुर। जिला अस्पताल के वार्डों में भीड़ कम करने के लिए बनाई गई कार्ययोजना के सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आ रहे हैं। न तो मरीजों के परिजनों के गेट पास बन रहे हैं और न ही मरीजों से मिलने का समय में बदलाव आया है। लिहाजा वार्डों और ओपीडी में सुबह से ही भीड़ लगना शुरू हो जाती है। सबसे खराब हालत वार्डों के हैं, जहां दिनभर मरीजों के परिजन और रिश्तेदारों का आने का सिलसिला चलता रहता है। पूर्व में कलेक्टर संदीप जीआर की मौजूदगी में हुई स्वास्थ्य विभाग की बैठक में कार्ययोजना तैयार की थी। एक मरीज के साथ सिर्फ दो अटेंडर ही रहने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन यह व्यवस्था फेल हो गई है। वार्डों में भीड़ इतनी अधिक रहती है कि एक मरीज के साथ बड़ी संख्या में उनके परिजन और रिश्तेदारों का जमावड़ा बना रहता है। भीड़ को कम करने के लिए सुरक्षाकर्मियों को हिदायत दी गई है, लेकिन उनकी कोई नहीं सुनता है। इमरजेंसी गेट को अलग करने का फायदा नहीं मिल रहा है, बल्कि लोगों को आने-जाने में परेशानी हो रही है। कलेक्टर संदीप जीआर ने पहले भी जिला अस्पताल में डॉक्टर्स और स्टॉफ की बैठक में भीड़ को नियंत्रित करने के निर्देश दिए थे।

उन्होंने कहा था कि प्रत्येक व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए प्रत्येक को अलग अलग जिम्मेदारी लेना चाहिए। इलाज के लिए टोकन व्यवस्था होनी चाहिए जिससे मरीज संतुष्टि के साथ उपचार ले सकें। प्रत्येक मरीज के साथ केवल एक ही अटेंडर को रहने की अनुमति दें, लेकिन इस पर अमल नहीं हो पाया। टॉयलेट, वेटिंग एरिया हमेशा खुला रहें तथा सभी डॉक्टर्स एवं स्टॉफ  अपना स्टैण्डर्स अच्छा रखें एवं सभी के साफ  सुथरे वेस्ट चेंम्बर रहें एवं यूनीफॉर्म में रहें। कलेक्टर के इन सुझावों पर अस्पताल प्रबंधन ने अभी तकअमल नहीं किया है। अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करने के लिए अधिकारियों के दिन तय कर रखे हैं। प्रत्येक सोमवार को एसडीएम और मंगलवार को तहसीलदार के निरीक्षण का तय है। इसके अलावा अन्य अधिकारियों के दिन तय हैं। अधिकारी अपने निर्धारित दिन अस्पताल का निरीक्षण भी करते हैं, फिर भी भीड़ कम नहीं हो रही है।

मरीजों से मिलने के समय भी यथावत
कलेक्टर ने सुझाव दिया था कि मरीजों से मिलने वालों के लिए शाम 4 से 6 बजे तक का समय निर्धारित रहे। मरीजों की अधिकता होने पर रिक्त स्थान पर अतिरिक्त पलंगों की व्यवस्था करें। मेटरनिटी विंग एवं गैलरी में वाले पंखे लगाए जाएं। जांच के लिए भर्ती मरीजों के बेड पर जाकर सैम्पलिंग की व्यवस्था कि जाए। मरीजों की सुविधा के लिए मुख्य द्वार पर एक हेल्पडेस्क की व्यवस्था करने की निर्देश दिए थे। इसके अलावा पीडब्ल्यूडी ईई को निर्देशित किया कि पार्किंग में बेरिकेडिंग करें। जिससे आम जन आसानी से एंट्री प्वाइंट आसानी से समझ सकें। प्रत्येक फ्लोर पर सिक्यूरिटी व्यवस्था प्लॉन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की प्रोब्लम्स को शेयर करने के लिए एक ग्रुप्स बनाएं, जिससे तत्काल परेशानी हल हो सके, लेकिन विडंबना देखिए कि एक भी सुझाव पर अमल होता नहीं दिख रहा है।
 

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