मवेशी के कारण हुआ था हादसा - केवल 200 मीटर दूर ही बचा था घर, तभी मौत के मुंह में चला गया परिवार
मवेशी के कारण हुआ था हादसा - केवल 200 मीटर दूर ही बचा था घर, तभी मौत के मुंह में चला गया परिवार
डिजिटल डेस्क छतरपुर । गढ़ीमलहरा में मंगलवार को कार दुर्घटना में दंपत्ति सहित तीन लोगों की जान चली गई। दरअसल कार में सवार जंगबहादुर राजपूत का परिवार चित्रकूट से घर लगभग वापस आ चुका था। जिस स्थान पर घटना हुई, वह उनके घर से केवल 200 मीटर पहले है। यानी पूरा सफर तो सुरक्षित तय कर लिया, और आखिर में इतना वीभत्स हादसा हुआ कि जान चली गई। कार खरीदने के बाद जंगबहादुर राजपूत परिवार के साथ हंसी-खुशी चित्रकूट भगवान कामतानाथ के दर्शन करने गए थे। हादसे में जंगबहादुर, उनकी पत्नी विशाखा व पड़ोसी रोहित तिवारी की मौत हो गई, जबकि जंगबहादुर का बेटा और बेटी घायल हो गए हैं।
अनाथ हो गए मासूम बच्चे
सड़क हादसे में पिता और मां की मौत होने से जंगबहादुर के बेटा और बेटी अनाथ हो गए हैं। जंगबहादुर मूल रूप से सिंहपुर के रहने वाले थे, जो खेती-किसानी का काम करते थे, बच्चों की पढ़ाई के लिए किराये का मकान लेकर गढ़ीमलहरा में रहते थे। हादसे के बारे में जिस किसी ने भी सुना, वह द्रवित हो गया।
सड़क पर घूम रहे मवेशियों की वजह से बढ़ रहीं दुर्घटनाएं
बताया जा रहा है कि जिस जगह पर हादसा हुआ, वहा पर बीच सड़क में मवेशी थे। सड़क पर बैठे पशुओं में से अचानक एक मवेशी कार के सामने आ गया, उसे बचाने के लिए जंगबहादुर ने कार की स्टेयरिंग को दूसरी तरफ मोड़ा, तभी सामने से तेज गति से आ रहे ट्रॉले ने कार में टक्कर मार दी। गौरतलब है कि बरसात के मौसम में यह देखने को मिल रहा है कि मवेशी रात के समय बीच सड़क में झुंड बनाकर बैठ जाते हैं, जो वाहन चालकों के लिए हादसे का करण बन रहे हैं। अगर सड़क पर जानवर न होते तो जंगबहादुर के साथ यह हादसा नहीं होता।
गौशालाओं की उपयोगिता पर सवाल
आवारा मवेशियों को सुरक्षित रखने के लिए शासन द्वारा गांव-गांव में गौशालाएं खुलवाई गई हैं, लेकिन ज्यादातर गौशालाएं नाममात्र के लिए चल रही हैं। गौशालाओं में सिर्फ दुधारू जानवरों को ही रखा जाता है। बाकी जानवरों को सड़क पर खुला छोड़ दिया जाता है, जो हादसे का कारण बन रहे हैं।