अनाथालयों से निकलने वाले बच्चों का सर्वे शुरू, अभी 220 बच्चों की पहचान
आशीर्वाद योजना अनाथालयों से निकलने वाले बच्चों का सर्वे शुरू, अभी 220 बच्चों की पहचान
डिजिटल डेस्क,छतरपुर। अनाथालयों ने निकलने वाले बच्चों का भविष्य संवारने के लिए बाल आशीर्वाद योजना शुरू की गई है। बच्चों को पढ़ाई करने के लिए हर महीने 5 से 8 हजार रुपए तक आर्थिक सहायता के अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी। योजना में सरकार 18 साल की उम्र में बाल संस्थाओं को छोड़ने वाले अनाथ बच्चों का अनाथ बच्चों को आर्थिक सहायता देगी। इन बच्चों को सरकार आईटीआई, पॉलिटेक्निक या नीट, जेईई, क्लेट निकालने पर पढ़ाई करने तक आर्थिक मदद उपलब्ध कराएगी। यह सुविधा 24 साल की उम्र होने तक मिलती रहेगी। इसके अलावा इनके संयुक्त खाते में एक साल और अधिकतम 18 साल तक दो हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने के साथ आयुष्मान योजना से इलाज कराने का प्रावधान किया गया है।
महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी राजीव सिंह ने बताया कि योजना में अभी तक 220 बच्चों की पहचान हो चुकी है। इनके दस्तावेज कंपलीट किए जा रहे हैं। उधर, कोरोना काल में अनाथ हुए जिले के 14 बच्चों को पहले से ही आर्थिक सहायता दी जा रही है। इन बच्चों की बेहतर परवरिश का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। नि:शुल्क खाद्यान्न दिया जा रहा है। योजना का लाभ उन्हीं बच्चों को दिया जा रहा है, जिनकी आयु 21 वर्ष या इससे कम है, परंतु स्नातक में अध्यनरत रहने की स्थिति में 24 वर्ष या स्नातक पाठ्यक्रम की निर्धारित अवधि तक योजना में चयनित बच्चों को बाल हितग्राही की श्रेणी में रखा गया है। इन बच्चों को पांच हजार रुपए के अलावा स्कूलों में नि:शुल्क शिक्षा दी जा रही है। यदि बच्चा निजी स्कूल में पढ़ना चाहता है तो उसे दस हजार रुपए प्रति वर्ष देने का भी प्रावधान है।
बच्चों की पहचान छिपाने के निर्देश
महिला बाल विकास अधिकारियों ने बताया कि शासन की तरफ से बच्चों की पहचान छिपाने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसा इसलिए किया गया है, जिससे बच्चों पर मानसिक बोझ न पड़े। दूसरी वजह ये बच्चे नाबालिग हैं। कोर्ट के भी आदेश हैं कि नाबालिग बच्चों की पहचान उजागर न की जाए। विभाग गोपनीय तरीके से उनकी मदद करने में जुटा है।