मरीजों से चुराकर रेमडेसिविर इंजेक्शन बेच रहा था निजी अस्पताल का कर्मचारी, तीन आरोपी गिरफ्तार
मरीजों से चुराकर रेमडेसिविर इंजेक्शन बेच रहा था निजी अस्पताल का कर्मचारी, तीन आरोपी गिरफ्तार
- कोतवाली पुलिस से 25 हजार रुपए प्रति इंजेक्शन में तय हुआ था सौदा
- आरोपियों से पांच रेमडेसिविर इंजेक्शन जब्त, तलाशी में दो खाली बॉयल भी मिले
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। शहर के बालाजी हॉस्पिटल में कार्यरत मेल नर्स अपने दो साथियों के साथ मिलकर रेमडेसिविर की कालाबाजारी कर रहा था। कोतवाली पुलिस ने पांच इंजेक्शन के साथ तीनों आरोपियों को शहर के चारफाटक से गिरफ्तार किया है। रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने वालों की धरपकड़ के अभियान मेें कोतवाली पुलिस की यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है।
टीआई मनीषराज भदौरिया ने बताया कि कोविड मरीजों के इलाज के लिए अधिकृत बालाजी अस्पताल के मेल नर्स ओमप्रकाश नागवंशी अपने दो साथी राजा तिवारी और अखिलेश शर्मा के साथ मिलकर रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रहा था। मुखबिर की सूचना पर मरीज के परिजन बनकर पुलिस ने आरोपी से संपर्क किया। 25 हजार रुपए प्रति इंजेक्शन के हिसाब से सौदा तय हुआ। आरोपियों को पुलिस ने चारफाटक इंजेक्शन लेकर बुलाया था। इंजेक्शन लेकर जैसे ही आरोपी चारफाटक पहुंचे, पुलिस ने आरोपियों को दबोच लिया। पुलिस ने चंदनगांव यादव कॉलोनी निवासी ओमप्रकाश नागवंशी, रावनवाड़ा के ढाला निवासी राजा तिवारी, नरसिंहपुर नाका निवासी अखिलेश शर्मा के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7, आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 (बी), महामारी अधिनियम की धारा 3, धारा 188, 269, 379, 201, 34 के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपियों से पांच इंजेक्शन, दो खाली बॉयल, दो बाइक और तीन मोबाइल जब्त किए गए है।
मरीजों के इंजेक्शन चुरा लेता था मेल नर्स-
टीआई मनीषराज भदौरिया ने बताया कि प्राथमिक पूछताछ में सामने आया है कि बालाजी अस्पताल में भर्ती मरीजों को मिलने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन मेल नर्स ओमप्रकाश नागवंशी चोरी कर लेता था। इन्हीं इंजेक्शनों की कालाबाजारी की जा रही थी। जांच की जा रही है कि इस चोरी में ओमप्रकाश के साथ और कौन-कौन शामिल है। उन्हें भी आरोपी बनाया जाएगा। ओमप्रकाश को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है कि अभी तक वह कितने लोगों को इंजेक्शन बेच चुका है।
बैच नम्बर मिटाकर बेचते थे इंजेक्शन-
बालाजी अस्पताल के मेल नर्स ओमप्रकाश नागवंशी और उसके साथी काफी शातिर है। अस्पताल से इंजेक्शन हासिल करने के बाद वे इंजेक्शन के बॉयल में अंकित बैच नम्बर को काली स्याही से मिटा देते थे। ताकि पकड़ाने पर भी यह पता न चले कि बॉयल किस बैच नम्बर का है और वह इंजेक्शन किस अस्पताल के लिए अलाट हुआ था।
45 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन-
पुलिस ने बताया कि बालाजी अस्पताल में कई सालों से कार्यरत मेल नर्स ओमप्रकाश का मासिक वेतन 45 हजार रुपए था। इसके बाद भी वह रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रहा था। वे अपने साथियों के साथ मिलकर जरुरतमंद लोगों को तलाशता और उनकी मजबूरी का फायदा उठाकर 25-25 हजार रुपए में इंजेक्शन बेच रहा था।