एसटी आयोग ने महाराष्ट्र सरकार से आदिवासियों के विस्थापन का 1948 से अब तक का मांगा ब्यौरा 

आदिवासियों की जमीन मामला एसटी आयोग ने महाराष्ट्र सरकार से आदिवासियों के विस्थापन का 1948 से अब तक का मांगा ब्यौरा 

Bhaskar Hindi
Update: 2023-03-31 12:21 GMT
एसटी आयोग ने महाराष्ट्र सरकार से आदिवासियों के विस्थापन का 1948 से अब तक का मांगा ब्यौरा 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से एक कोनवुड एजेंसी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा मुंबई के उपनगरों में बसे आदिवासियों की करीब 131 एकड़ जमीन हथियाने और उन्हें भूमि और मकानों से जबरन बेदखल करने का मामला सामने आया है। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने मामले का संज्ञान लेते हुए अब इस संबंध में महाराष्ट्र सरकार से साल 1948 से अब तक मुंबई और मुंबई उपनगर से आदिवासियों के विस्थापन से संबंधित विस्तृत ब्यौरा मांगा है।

इस मामले में लगभग 150 याचिकाएं राष्ट्रीय जनजाति आयोग में दाखिल हुई है। मुंबई के कांदिवली गांव में रहने वाले बारक्या प्रभू आलवे ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि उनकी तीसरी पीढी, जो इस जमीन (सर्वे नंबर 163, पीए नंबर 1, 128/ए) पर रह रही थी, साल 2000 में कोनवुड एजेंसी प्राइवेट लिमिटेड के मालिक विनोद गोयंका और एंथनी विनिन परेरा ने उनके पिता से जबरन भूमि कब्जाई और उनके मकान को ध्वस्त कर दिया। इसी तरह अन्य लोगों को भी प्रतिवादियों ने भूमि से जबरन बेदखल कर दिया और वहां निर्माण कार्य शुरू किया। याचिकाकर्ता के मुताबिक कंपनी मालिक और सरकार से भूमि लौटाने की निरंतर गुहार लगाते रहे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। लिहाजा वे और अन्य आदिवासी पिछले 23 सालों से बगैर मूलभूत सुविधाओं के जीवनयापन कर रहे है।   

मामले में समन जारी करने के बाद राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव नितिन करीर, महापालिका आयुक्त डॉ एलएस चहल, शहरी विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव भूषण गगरानी और पुलिस उपायुक्त अजय कुमार बंसल आयोग में सुनवाई के लिए व्यक्तिगत रूप से हाजिर हुए। इस दौरान कलेक्टर ने बताया कि यह जमीन परेरा की है और परेरा ने यह जमीन गोयंका को बेची। जबकि याचिकाकर्ता ने कहा कि इस जमीन के सात-बारह पर उनके पिता का नाम दर्ज है। महापालिका की ओर से बताया गया कि इस जमीन पर 42 टावरों का निर्माण किया गया है।

आयोग ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद उपनगर के जिलाधिकारी को मुंबई के आरे कॉलोनी, कांदिवली, मालाड और बोरीवली क्षेत्र में वर्ष 1945 से अब तक भूमि से संबंधित सभी म्यूटेशन एन्ट्रीज (भूमि के स्वामित्व के सबूत) और सात-बारा उतारा के सभी रिकॉर्ड, मुंबई और मुंबई उपनगरीय जिले के क्षेत्र में शहरी भूमि (सीमा और विनियमन) अधिनियम, 1976 के तहत महाराष्ट्र सरकार द्वारा धारित भूमि का विवरण, बॉम्बे जमींदारी उन्मूलन अधिनियम, 1949 के तहत भूमि मालिकों और भूमि धारकों के साथ किरायेदारों की सूची सहित महाराष्ट्र भूमि राजस्व संहिता, 1966 की धारा 36 (ए) के तहत आरे कालोनी में स्थित भूमि के मंजूरी के संबंध में राजस्व विभाग की फाइलों में नोटिंग और पत्राचार के साथ मूल रिकॉर्ड की प्रतियां प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

Tags:    

Similar News