हाईकोर्ट ने कहा - ध्वनि प्रदूषण की शिकायत करनेवालों की पहचान न करें सार्वजनिक

हाईकोर्ट ने कहा - ध्वनि प्रदूषण की शिकायत करनेवालों की पहचान न करें सार्वजनिक

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-03 12:40 GMT
हाईकोर्ट ने कहा - ध्वनि प्रदूषण की शिकायत करनेवालों की पहचान न करें सार्वजनिक

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण को लेकर शिकायत करनेवाले लोगों की पहचान गुप्त रखने को लेकर राज्य के गृह विभाग व पुलिस महानिदेशक को जरुरी कदम उठाने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि यदि लोगों की पहचान को सार्वजनिक किया जाएगा तो लोग ध्वनि प्रदूषण के संबंध में शिकायत करने के लिए आगे नहीं आएगे। जस्टिस अभय ओक व जस्टिस रियाज छागला की बेंच ने यह बात कहते हुए उपरोक्त निर्देश दिया। 

गृह विभाग व राज्य के पुलिस महानिदेशक जारी करे जरुरी निर्देश 
बेंच ने कहा कि अदालत ने एक उद्देश्य के तहत ध्वनिप्रदूषण को लेकर शिकायत करनेवालों की पहचान को सार्वजनिक न करने का आदेश दिया था। हम चाहते है कि सरकार इसका सख्ती से पालन करे और ऐसी व्यवस्था बनाए कि शिकायतकर्ता की पहचान सार्वजनिक न हो। इससे पहले बेंच को बताया गया कि पिछले दिनों एक वकील ने ध्वनि प्रदूषण को लेकर पुलिस कंट्रोल रुम में अपने मोबाइल नंबर से शिकायत की थी। बाद में शिकायत करनेवाले वकील के मोबाइल नंबर को सार्वजनिक कर दिया।  यह पूरी तरह से अदालत के आदेश का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अब तक नाइज मैपिंग को लेकर भी ठोस कदम नहीं उठाए है। इसके अलावा सरकार निर्माण कार्य के चलते होनेवाले ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने को लेकर भी गंभीर नहीं दिख रही है। क्योंकि मुंबई में मेट्रो के निर्माण कार्य के चलते रिहायशी इलाकों में काफी शोर होता है। जिससे लोगों को काफी परेशानी होती है। 

पहचान को गुप्त रखने के लिए व्यवस्था बनाए सरकार 
दलीलों को सुनने के बाद बेंच ने कहा कि सरकार ध्वनि प्रदूषण के संबंध में शिकायत करनेवालों की पहचान को गुप्त रखने के लिए व्यवस्था बनाए। इसके साथ ही शिकायत के खातिर भी प्रभावी विकल्प उपलब्ध कराए। बेंच ने सरकारी वकील को यह स्पष्ट करने को कहा है कि निर्माण कार्य के चलते होनेवाले ध्वनि प्रदूषण को रोकने व नाइज मैपिंग  की दिशा में क्या कदम उठाए गए है। बेंच ने फिलहाल मामले की सुनवाई दो सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी है। 

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