केमिकल से पके फलों का जूस पिला रहे दुकानदार फुटपाथ पर लग रही सस्ते जूस की दुकानें
छिंदवाड़ा केमिकल से पके फलों का जूस पिला रहे दुकानदार फुटपाथ पर लग रही सस्ते जूस की दुकानें
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। गर्मी के दिनों में शरीर का तापमान नियंत्रित रखने लोग इन दिनों शीतल पेय पदार्थ, आइस्क्रीम के अलावा फलों का जूस पी रहे है। शहर में कई जगह पर फुटपाथों में फलों के जूस की दुकानें भी लगाकर लोग कारोबार कर रहे है। इन दुकानों में अधिकांश फल केमिकल से पके हुए रहते है। जिससे वे स्थाई दुकानों की तुलना में कम रेट पर जूस की बिक्री कर रहे है और आर्थिक लाभ ले रहे है। आम के अलावा अन्य फलों का जूस सस्ता मिलने के कारण लोग इसका सेवन भी करने पहुंच जाते है। बाद में उन्हें इसका खामियाजा भी डायरिया या अन्य तरह से बीमार होकर भुगतना पड़ता है।
दस रूपए गिलास में मैंगो शेक
बाजार में फुटपाथ पर लग रही दुकानों में मैंगो शेक या जूस मात्र दस रूपए गिलास में आसानी से मिल जाता है, जबकि इस समय आम ही कम से कम १०० से १५० रूपए प्रतिकिलों की दर से मिल रहा है। इसके अलावा शक्कर आदि का खर्च अलग है। इसके बावजूद सस्ते में जूस बेचने की वजह कुछ तो होगी।
दुकानों में तीन गुना अधिक है कीमत
स्थाई जूस व फल विक्रेताओं ने बताया कि वे शक्कर, दूध व बर्फ के साथ आम, चुकंदर, चीकू, मौसंबी का जूस तीस रूपए गिलास बेच रहे हैं। इसके अलावा अनार जूस ७० रुपए, पाइनएप्पल ५० रूपए, मिक्स ५० रूपए, सेव का जूस ६० रूपए प्रति गिलास बेच रहे हैं।
बारह घंटे में पक जाते है फल
व्यापारी बाहर से कच्चे फल मगाते है, उन फलों को दुकानों और गोदामों में कार्बाइड की पुडिय़ा बनाकर रख देते है, जिससे फलों को पकाया जाता है। कार्बाइड से १२ से २४ घंटे में फल पक जाते है। कार्बेट पदार्थ चूने की तरह होता है, जो हवा के संपर्क में आते ही तेज गर्मी पैदा करता है। इसके विपरीत भूसे और पत्ते में पकाया गए फलों का शरीर पर कोई हानिकारक प्रभाव नही पड़ता है, लेकिन फल विक्रेताओं ने केमिकल के उपयोग का आसान तरीका निकाल लिया है।
इनका कहना है
फल एवं सब्जियों की लगातार जांच की जा रही है। केमिकल से फल पकाने की शिकायत आती है तो कार्यवाही की जाएगी।