शरद पवार का केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला को खत - डेयरी उत्पादों का आयात नहीं करे सरकार
फैसले पर नाराजगी शरद पवार का केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला को खत - डेयरी उत्पादों का आयात नहीं करे सरकार
डिजिटल डेस्क, मुंबई. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला को पत्र लिखा है, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा डेयरी उत्पादों के आयात करने के फैसले पर नाराजगी जाहिर की है। पवार ने कहा कि उन्हें मीडिया से जानकारी मिली है कि केंद्र सरकार बटर और घी का विदेश से आयात करने वाली है। केंद्र का यह फैसला हमें पूरी तरह से नामंजूर है।
शरद पवार ने क्या कहा?
राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि केंद्र सरकार ने बटर और घी आयात करने का फैसला किया है जिसका सीधा असर हमारे देश के दूध उत्पादकों की आमदनी पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हमारे किसान कुछ दिन पहले ही कोरोना जैसी भीषण आपदा से बाहर आए हैं। ऐसे में सरकार के इस फैसले से डेयरी क्षेत्र को बड़ा नुकसान होगा। पवार ने कहा कि मेरी चिंता को गंभीरता से लेना चाहिए। अगर केंद्र सरकार दूध उत्पादों के आयात का फैसले को वापस लेती है तो उन्हें खुशी होगी।
दूध उत्पादों के आयात की क्यों पड़ी जरुरत?
दरअसल केंद्र को दूध उत्पादों के आयात की जरुरत इसलिए पड़ी क्योंकि पिछले साल लंपी रोग की चपेट में आने से 1.89 लाख जानवरों की मौत हो गई थी। इससे दूध और उससे जुड़े उत्पादों में कमी आई थी। इससे पहले साल 2011 में केंद्र सरकार ने आखिरी बार दूध उत्पादों का आयात किया था।
सरकार ने नहीं लिया ऐसा कोई फैसला - राधाकृष्ण विखे-पाटिल
राज्य के मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राधाकृष्ण विखे-पाटिल ने कहा कि शरद पवार देश के वरिष्ठ नेता हैं उनको मीडिया में आई जानकारी के आधार पर केंद्रीय मंत्री को पत्र नहीं लिखना चाहिए। विखे-पाटिल ने कहा कि सरकार ने इस तरह का कोई भी फैसला नहीं लिया है। सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के प्रति कटिबद्ध है।