एसपी पर गोली दागने वाले आरोपियों को सात साल की कैद , किया था अपहरण 

एसपी पर गोली दागने वाले आरोपियों को सात साल की कैद , किया था अपहरण 

Bhaskar Hindi
Update: 2019-07-18 07:49 GMT
एसपी पर गोली दागने वाले आरोपियों को सात साल की कैद , किया था अपहरण 

डिजिटल डेस्क, अमरवाड़ा। हर्रई के बहुचर्चित श्रम निरीक्षक डॉ. चंद्रकांत स्थापक के अपहरण मामले में पुलिस अधीक्षक और पुलिस पार्टी पर गोली दागने वाले आरोपियों को अपर सत्र न्यायालय अमरवाड़ा ने दोषी करार देते हुए सात साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई।

श्रम निरीक्षक का किया था अपहरण 

अपर लोक अभियोजक नितिन तिवारी ने बताया कि 24 अगस्त 2014 की रात श्रम निरीक्षक चंद्रकांत स्थापक का अपहरण कर आरोपियों ने उसे हर्रई की पहाड़ी पर बंधक बनाकर रखा था। श्रम निरीक्षक को रिहा कराने पहुंचे तत्कालीन एसपी पुरुषोत्तम शर्मा और पुलिस पार्टी पर आरोपियों ने फायरिंग की थी। हालांकि पुलिस टीम ने श्रम निरीक्षक को रिहा करा लिया था। इस मामले में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर न्यायालय में प्रकरण पेश किया था। अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती निशा विश्वकर्मा ने आरोपी योगेंद्र पिता रामेश्वर जंघेला, निलेश पिता धन्नालाल श्रीवात्री, आत्माराम पिता सुनहरीलाल सलामे और अनिल पिता शिवचरण मरकाम को धारा 307, धारा 25 एवं 27 आयुध अधिनियम में दोषी करार देते हुए सात साल को सश्रम कारावास व दो हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। इसके पूर्व श्रम निरीक्षक के अपहरण के मामले में चारों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है। 

युवती पर हमला करने वाले को आजीवन कारावास

चौरई के माचागोरा के समीप युवती का गला घोंटकर उसे मृत समझकर आरोपी ने झाड़ियों में फेंक दिया था। पुलिस ने पीडि़ता को चौरई अस्पताल लाकर भर्ती कराया था। इस मामले में पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म और हत्या के प्रयास समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया था। इस मामले में विशेष न्यायाधीश एनके गोधा ने आरोपी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। विशेष लोक अभियोजक सुश्री मीरा राय ने बताया कि बसंत कॉलोनी निवासी संतोष पिता राजू मालवी ने 7 मई 2016 से 15 सितम्बर 2016 तक पीड़िता को नागपुर में रखकर उसके साथ दुराचार किया। 15 सितम्बर की रात उसने चौरई के माचागोरा के पास पीडि़ता का गला दबाकर उसकी हत्या का प्रयास किया और उसे मरा समझकर झाड़ियों में फेंककर फरार हो गया था। पीड़िता की शिकायत पर चौरई पुलिस ने आरोपी संतोष के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इस मामले में सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश एनके गोधा ने आरोपी संतोष मालवी को दोषी करार दिया है। आरोपी को धारा 307 में दस साल की सजा व एक हजार रुपए अर्थदंड, धारा 201 में दो साल की सजा व पांच सौ रुपए अर्थदंड और एसटीएससी एक्ट की धारा 3 (2) 5 में आजीवन कारावास व एक हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। 

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