सरेआम बिक रहे कीटनाशक व नकली बीज
सरेआम बिक रहे कीटनाशक व नकली बीज
डिजिटल डेस्क, भंडारा। जिले के कई तहसीलों में खुलेआम बोगस बीज, खाद व कीटकनाशक की बिक्री शुरू है। कृषि विभाग द्वारा कार्रवाई नहीं करने से बोगस बीज, खाद बिक्री का धंधा करने वालों के हौसले बुलंद हो गए हैं और वे सरेआम बिक्री कर रहे हैं। खरीफ का मौसम शुरू होने से किसान खेती के काम के लिए जुट गये हैं। किसानों में खाद, बीज व कीटनाशक दवाइयों की खरीदी को लेकर भ्रम बना हुआ है। कई बार किसानों से मोटी रकम लेकर बाजार से बोगस बीज व कीटनाशक दवाइयां थमा दी जाती है। जिससे उसका सीधा परिणाम फसल पर होता है।
बाजार में आजकल बड़ी मात्रा में बोगस कीटकनाशक व बीज बेचा जा रहा है। इससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। जबकि संबंधित विभाग द्वारा इस गोरखधंधे पर प्रतिबंध नहीं लगाने से बाजार में किसानों के साथ धोखाधड़ी लगातार बढ़ रही है। पहले ही अल्प वर्षा होने से किसान को नाममात्र की उपज हो रही है। जिससे खेती करने के लिए उसे आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। जैसे तैसे किसान खाद, बीज के लिए पैसे जमा कर खरीदता है। मगर बाजार में बिक रहे बोगस खाद, बीज व कीटकनाशक की खरीदी कर किसान बीज की रोपाई तो करता है, मगर बीज नहीं निकलने या नाममात्र के बीज निकलने से उसे मजबूरन दोबारा बीज बोना पड़ता है।
बोगस खाद, बीज का गोरखधंधा कर रहे कृषि केंद्र की चंगुल में फंस जाने से किसान कई बार गंभीर कदम तक उठा लेता है। इसलिए संबंधित विभाग द्वारा कृषि केंद्र में बिक रहे बोगस खाद, बीज व कीटकनाशक विक्रेताओं पर उचित कार्रवाई कर माल जब्त करने की गुहार किसानों द्वारा लगाई जा रही है। किसानों द्वारा खरीदा गया बीज व कीटकनाशक बोगस निकलने से किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है। बोगस बीज की रोपाई करने पर किसानों को अधिक खर्च के साथ नाममात्र की ही उपज प्राप्त होती है। बोगस बीज होने से रोपाई के समय बीज अंकुरित नहीं होता है। कीटनाशक के छिड़काव से फसल पर होने वाली बीमारी पर तो असर नहीं पड़ता मगर कई किसानों के स्वास्थ्य पर इसका विपरित परिणाम देखने मिलता है। कई बार किसानों द्वारा कीटकनाशक का छिड़काव करते समय उनकी मृत्यु तक हो गयी। तो कई बार कीटकनाश का छिड़काव करने के पश्चात भी फसल में लगी बीमारी से निजात नहीं मिलती। इसलिए संबंधित विभाग द्वारा बोगस कृषि सामग्री विक्रे ताओं पर लगाम कसने की सख्त जरूरत है।
3 कृषि केंद्रों पर कार्रवाई,अनेक बीजों की बिक्री पर पाबंदी
कृषि विभाग द्वारा जिले के 3 कृषि केंद्र पर कार्रवाई कर 70 लाख 6 हजार 220 रुपये के 832.1 क्विंटल बीज की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया। इसमें गुरुदेव कृषि केंद्र आसगांव पर कार्रवाई कर 35 लाख 72 हजार 200 रुपये के 410.6 क्विंटल बीज बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया। विजय कृषि केंद्र नाकाडोंगरी में कार्रवाई कर 29 लाख 42 हजार 220 रुपये के 380 क्विंटल बीज की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया। उसी प्रकार दुर्गेश कृषि केंद्र नाकाडोंगरी में 4 लाख 91 हजार 800 रुपये के 41.5 क्विंटल बीज बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया। इन कृषि केंद्र पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। ऐसे में कृषि विभाग की ओर से अब तक नाममात्र की कार्रवाई किए जाने की चर्चा जोरों पर है।
अनधिकृत बीज न खरीदें
जिले के भंडारा, पवनी, मोहाडी, लाखनी व लाखांदूर तहसील में अत्यंत अल्प मात्रा में कपास की फसल लगाई जाती है। किसानों की अज्ञानता का फायदा उठाकर बोगस कंपनी, निजी एजेंट, प्रतिबंधित तथा अनधिकृत एच.बी.टी. बीज की बिक्री कर देते है। बी.टी. बीज बिक्री की मान्यता शासन ने रद्द कर दी है। इस प्रकार के बीज की खरीदी करने, जमा करने व खेत में लगाने के लिए शासन ने बंदी लगाई है। बी.टी. बीज का उपयोग करने से मानवी स्वास्थ्य पर कैंसर जैसी बीमारी होने की आशंका होती है। इसके अतिउपयोग से जमीन बंजर हो जाती है। बी.टी. कपास की फसल पर ग्लायफोसेट नामक कीटकनाशक के छिड़काव के लिए बिक्री व उपयोग पर केंद्र शासन केंद्रीय कीटनाशक मंडल व पंजीयन समिति द्वारा बंदी लगाई गई है। किसानों के साथ धोखाधड़ी टालने के लिए अधीकृत विक्रेता की ओर से रसीद के साथ बीज की खरीदी करें। साथ ही बोगस बीज की खरीदी करने के लिए प्रलोभन दिखाने वाले कंपनी धारक, एजेंट या निजी व्यक्ति की शिकायत कृषि विभाग में करें। - हिन्दूराव चव्हाण, कृषि अधीक्षक भंडारा