279 जिंदा लोगों को मरा बताकर 11 करोड़ से अधिक का घोटाला

सिवनीः केवलारी तहसील में पदस्थ बाबू का कारनामा 279 जिंदा लोगों को मरा बताकर 11 करोड़ से अधिक का घोटाला

Bhaskar Hindi
Update: 2022-11-16 08:31 GMT
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डिजिटल डेस्क,सिवनी। राहत राशि के नाम पर केवलारी तहसील कार्यालय के एक बाबू ने 279 लोगों को मरा बताकर 11.16 करोड़ का घोटाला कर दिया। बाद में उसने यह रकम उन लोगों के खातों में डाल दी जो पात्र ही नहीं थे। मामले का खुलासा होने पर कलेक्टर डॉ. राहुल हरिदास फटिंग ने उसे निलंबित कर दिया है। फिलहाल पुलिस फरार आरोपी की तलाश में जुटी है।

दरअसल, तहसील कार्यालय में नायब नाजिर (बाबू स्तर का पद) सचिन दहायत राहत राशि के प्रकरण के आदेश पोर्टल पर अपलोड करने का काम करता था। उसने अलग-अलग समय पर जीवित लोगों को मृत बताकर फर्जी आदेश तैयार कर उसे पोर्टल पर अपलोड कर दिए। बैंक खाते में चार-चार लाख रुपए पहुंच भी गए। जब जांच की गई तो पता लगा कि कुल 279 लोगों के नाम से 11.16 करोड़ की राशि बैंक खातों में पहुंची है। यह पूरा काम साल 2020 से अब तक किया गया।

ऑडिट में हुआ खुलासा

राजस्व विभाग में पिछले दिनों ऑडिट की कार्रवाई हो रही थी तो सचिन ने अचानक ऑफिस आना बंद कर दिया। जब अधिकारियों ने उसकी अलमारी खुलवाई तो राहत राशि के कई आदेश पत्र मिले। इनकी जांच में पता चला कि कई ऐसे लोगों के खातों में रुपए डाले गए हैं जो पात्र ही नहीं थे। अभी तक ऐसे 40 खातों की जानकारी सामने आई है, जिसमें दो से तीन बार तक रुपए डाले गए। आठ अलग-अलग बैंकों के इन 40 खातों को फिलहाल होल्ड कर दिया गया है। आदेश पत्र में लेटर पेड, सील व हस्ताक्षर सब फर्जी थे। अन्य दस्तावेजों की जांच की जा रही है।

इन प्रकरणों से ली राशि

पानी में डूबने, आकाशीय बिजली, सर्पदंश या अन्य कारणों से हुई मौत पर राजस्व विभाग की राहत शाखा से पीड़ित के वारसान को चार लाख रुपए दिए जाते हैं। यह फर्जीवाड़ा भी इन्हीं प्रकरणों में किया गया। केवलारी थाना प्रभारी ने बताया कि सचिन के खिलाफ अलग-अलग धाराओं में मामला दर्ज कर उसकी तलाश की जा रही है।

इनका कहना है

नायब नाजिर सचिन कुछ दिनों से कार्यालय नहीं आ रहा था। उसकी अलमारी में जो दस्तावेज मिले, उनकी जांच कराई तो 11.16 करोड़ की धोखाधड़ी सामने आई। उसने कूटरचित दस्तावेजों का उपयोग किया। मामला पुलिस में दर्ज कराया है। - हरीश लालवानी, तहसीलदार केवलारी
 

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