संत गजानन महाराज पालकी का निमकर्दा में स्वागत

पैदल वारी संत गजानन महाराज पालकी का निमकर्दा में स्वागत

Bhaskar Hindi
Update: 2022-06-08 12:44 GMT
संत गजानन महाराज पालकी का निमकर्दा में स्वागत

डिजिटल डेस्क, बालापुर. विदर्भ की पंढरी के रुप में विख्यात शेगांव के श्री संत गजानन महाराज की पालकी श्रीक्षेत्र पंढरपुर के लिए शेगांव से सोमवार 6 जून को विधिविधान से पूजा-अर्चना कर पालकी का प्रस्थान हुआ। इस पालकी का नागझरी के साथ ही निमकर्दा तक अनेक स्थानों पर स्वागत कर पालकी में सहभागी वारकरियों के लिए नाश्ता, शीतल जल, भोजन आदि की सेवा भक्तों ने दी। इसी कड़ी में मंगलवार को श्री की पालकी पारस से निकलकर श्री शिवसाई गोरक्षण संस्थान, सराफ मित्र परिवार की ओर से पालकी में सहभागी सभी वारकरियों के लिए नाश्ते की व्यवस्था की गई। साथ ही आगे पालकी का स्वागत निमकर्दा में कर श्रध्दालुओं की ओर से छाछ की व्यवस्था की गई। पालकी के भोजन की व्यवस्था गायगांव के श्रध्दालुओं की ओर से की गई। पालकी का रात्रि का विश्राम भौरद में किया गया।  

श्रीक्षेत्र पंढरपुर के श्री विट्ठल भगवान से मिलने के लिए श्रीक्षेत्र शेगांव के संत गजानन महाराज की पालकी 6 जून को रवाना हुई। इस पालकी में 700 वारकरी मंडली के साथ 3 अश्व और 10 वाहन, वारकरियों के लिए एम्बूलन्स के साथ ही अन्य सुविधाएं उपलब्ध है। 6 जून को शेगांव से निकली पालकी 8 जुलाई को श्रीक्षेत्र पंढरपुर को पहुंचेगी। इस पालकी का रात्रि का विश्राम ग्राम भौरद में किया गया। इस विश्राम के दौरान रात में कीर्तन व श्री दर्शन का लाभ सैकड़ों श्री के श्रध्दालुओं ने लिया। इस पैदल पालकी का यह 53वां वर्ष है। इस पालकी की विशेशता है की रास्ते में पंढरपुर के लिए जानेवाली अन्य पालकियां मिलने पर इस पालकी में सहभागी वारकरियों को श्री संस्थान की ओर से कपड़ों का वितरण किया जाता हैं। साथ ही दिंडी के वारकरियों के लिए औषधोपचार भी दिया जाता है। पारस से रात्रि का विश्राम कर निकली पालकी का मंगलवार को रास्ते में गोरक्षण संस्थान में नाश्ते की व्यवस्था हरिराम चौथमल सराफ, रामचंद्र अग्रवाल, विनय अग्रवाल, राहुल सराफ, गजानन धानोकर, सुरेश महाराज, नगरसेवक राहुल देशमुख, सुरेश जसवानी, सोनू देशमुख के साथ ही अन्य श्री के भक्तों की ओर से की गई। यहां से पालकी का प्रस्थान होकर निमकर्दा में शीतल जल व शीतपेय का वितरण किया गया। आगे गायगांव में सभी वारकरियों के भोजन की व्यवस्था की गई और उपरान्त पालकी का भौरद में रात्रि का विश्राम व भजन कीर्तन हुआ। पालकी 8 जून बुधवार को सुबह प्रस्थान पर अकोला में पहुंचेगी। 

पालकी का रास्ता खस्ताहाल

श्री संत गजानन महाराज की पालकी विगत 53 वर्षों से प्रतिवर्ष श्रीक्षेेत्र पंढरपुर के लिए निकलती है। पैदल दिंडी यात्रा का मार्ग निमकर्दा से गायगांव तक खस्ताहाल हो गया है। इन रास्तों पर वाहन चलाना मुश्किल होता है वहां वारकरी इस मार्ग के पैदल यात्रा करते है। इस रास्ते की मरम्मत के नाम पर केवल मिट्टी डाली गई है। इस पर से ही पैदल पालकी गुजरी। इस समस्या को जल्द सुलझाने की मांग नागरिक कर रहे है। 

 

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