प्रदेश में 362 आयुष वेलनेस सेंटर और 45 आयुष ग्राम की स्वीकृति
प्रदेश में 362 आयुष वेलनेस सेंटर और 45 आयुष ग्राम की स्वीकृति
डिजिटल डेस्क, छतरपुर। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की दिशा में प्रदेश में 362 आयुष वेलनेस सेंटर और 45 नवीन आयुष ग्राम की स्थापना की स्वीकृति दी गई है। आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री रामकिशोर कावरे ने "स्वास्थ्य से समृद्धता की ओर"""""""" के साथ ही स्वास्थ्य के प्रति ग्रामीणजनों को जागरूक करने के उद्देश्य से स्वीकृति जारी की है। इस संबंध में राज्य मंत्री श्री कावरे ने जुलाई अंत में हुई बैठक में निर्देश दिये थे। हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में आयुष हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर की स्थापना आयुष सिद्धांतों के आधार पर की जायेगी। इसके द्वारा ग्रामीणजनों की स्वयं की देखभाल के साथ योग, आहार, परामर्श एवं 12 चिन्हित स्वास्थ्य सेवाओं सहित उच्च गुणवत्तायुक्त पंचकर्म, रोग प्रतिरोधक, स्वास्थ्य संवर्धक तथा रोगोपचार की सेवाएँ दी जायेंगी। योजना का उद्देश्य ग्रामीणजनों को रोग अधिभार को कम करना भी है। मध्यप्रदेश में 31 मार्च, 2020-21 तक प्रदेश में 362 आयुष हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर शुरू किया जाना है। आयुष मंत्रालय द्वारा हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर विकसित किये जायेंगे। यह योजना राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत क्रियान्वित होगी। सेंटर में प्रदाय की जाने वाली सेवाओं में औषधालय क्षेत्र के सभी ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण कर स्वास्थ्य पत्रक में उनके स्वास्थ्य स्तर का आकलन विभिन्न मापदण्डों के अनुसार किया जायेगा। उपलब्ध स्थानों पर औषधि उद्यान विकसित किये जायेंगे। इसमें 16 औषधीय वनस्पतियों के परिचय और उनकी चिकित्सीय उपयोगिता सहित जानकारी पट्टिका दर्शाई जायेगी। सामान्य रोगों के उपचार के लिये निर्धारित 12 हेल्थ केयर सर्विस को आयुष पद्धति द्वारा परामर्श, उपचार एवं औषधि वितरण किया जायेगा। आयुष ग्राम आयुष विभाग द्वारा प्रदेश के ग्रामीणजन के स्वास्थ्य संरक्षण के लिये आयुष ग्राम योजना शुरू की गई है। प्रदेश में आयुष ग्राम की स्थापना के लिये नवीन 45 ग्रामों का प्रारंभिक स्तर पर चयन किया गया है। संभागीय तथा जिला आयुष अधिकारी आयुष चिकित्सा अधिकारी के साथ समन्वय कर योजना का क्रियान्वयन करेंगे। योजना का उद्देश्य ग्रामीणों के स्वास्थ्य का संरक्षण एवं रोगों से रक्षा करना है। ग्रामीण क्षेत्र में रोग अधिभार को कम कर ग्रामीणजन को प्राथमिक स्तर पर ही स्वास्थ्य लाभ देकर स्वस्थ एवं समृद्ध ग्राम की परिकल्पना साकार करना योजना का उद्देश्य है। इसमें आयुष चिकित्सकों के दल द्वारा स्वास्थ्य स्तर का रिकार्ड घर-घर जाकर आयुष स्वास्थ्य पत्रक में सर्वेक्षण कर सॉफ्टवेयर में फीड किया जायेगा। इसके बाद डाटा विश्लेषण के आधार पर उस आयुष ग्राम की आगामी स्वास्थ्य योजना बनाकर आयुष चिकित्सा के क्षेत्र में गाँव में विभाग द्वारा कार्य किया जायेगा। तत्पश्चात यदि गाँव में विशेष रोग से ग्रसित रोगी मिलते हैं, तो उनको स्वस्थ किया जायेगा। कार्य-योजना में राष्ट्रीय एवं अन्य स्वास्थ्य योजनाओं का क्रियान्वयन, योग एवं जागरूकता शिविर का आयोजन, गर्भवती महिलाओं एवं शिशु, वृद्धों की देखभाल सहित वृद्धावस्था जन्य रोगों का निदान और चिकित्सा, आवश्यकता होने पर महाविद्यालय, चिकित्सालय एवं जिला चिकित्सालय में चिकित्सा करवाना शामिल है। इसमें प्रशिक्षण और औषधीय पादप संबंधी कार्यों को भी शामिल किया गया है।