सागर संभाग की लोकायुक्त टीम का छापा

पवई सागर संभाग की लोकायुक्त टीम का छापा

Bhaskar Hindi
Update: 2022-02-25 06:39 GMT
सागर संभाग की लोकायुक्त टीम का छापा

डिजिटल डेस्क,पवई । सागर संभाग लोकायुक्त पुलिस द्वारा पन्ना जिले की जनपद पंचायत पवई में पदस्थ उपयंत्री को १५ हजार रूपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। गुरूवार २४ फरवरी को सुबह ११ बजे लोकायुक्त पुलिस द्वारा आरोपी उपयंत्री अरविंद त्रिपाठी के विरूद्ध उसके पवई  स्थित निवास में कार्यवाही की गई। लोकायुक्त द्वारा पकड़े गये उपयंत्री पर आरोप है कि उसके द्वारा पवई जनपद की ग्राम पंचायत सिमराखुर्द में खेल मैदान निर्माण कार्य के मूल्याकंन के लिये २० हजार रूपए की मांग ग्राम पंचायत से की जा रही थी जिस पर ग्राम पंचायत सिमराखुर्द के सरपंच के पति राम किशोर पटेल द्वारा सागर में लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक से की गई। शिकायत सत्यापन जांच में शिकायतकर्ता द्वारा की गई शिकायत की पुष्टि हुई और यह सामने आया है कि आरोपी द्वारा २० हजार रूपए की राशि में से ५ हजार रूपए तीन दिन से पहले ले ली है। शिकायत सत्यापन उपरांत लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक द्वारा आरोपी उपयंत्री को ट्रेप करने के लिये उप पुलिस अधीक्षक राजेश खेड़े के  नेतृत्व में निरीक्षक मंजू सिंंह को शामिल करते हुए टीम गठित करते हुए आवश्यक निर्देश दिये गये। डीएसपी राजेश खेड़े के नेतृत्व में लोकायुक्त पुलिस की टीम स्वतंत्र साक्षियों के साथ पवई पहँुची तथा शिकायकर्ता को कार्यवाही की योजना की जानकारी देते हुये कैमिकल युक्त कुल १५ हजार रूपए प्रदान करते हुए शिकायकर्ता कों आरोपी पवई स्थित जिस किराये के मकान में भेजा गया तथा लोकायुक्त पुलिस पूरी तैयारी के साथ आस-पास मुश्तैद हो गई। जेैसे ही शिकायतकर्ता द्वारा आरोपी को रिश्वत की रकम दिये जाने की पुष्टि हुई लोकायुक्त पुलिस की टीम द्वारा दबिश देते हुये आरोपी उपयंत्री को अपने घेरे में ले लिया गया तथा प्रक्रिया के अनुसार रिश्वत की रकम आरोपी के कब्जे से बरामद की गई। लोकायुक्त पुलिस द्वारा घटना से संबंधित आवश्यक साक्ष्यों भी जप्त किया गया तथा कार्यवाही पूरी करते हुये आरोपी उपयंत्री के विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध करते हुए विवेचना की जा रही है। 
मूल्याकंन के नाम पर भ्रष्टाचार का फलफूल रहा गोरखधंंधा
तकनीकी अधिकारी जिनमें उपयंत्री, सहायक यंत्री और इसके उच्च स्तर पर विभिन्न पदों पर कार्य करने वाले उपयंत्रियों को शासन द्वारा होने वालो कार्ये की गुणवत्ता मानदण्डों के अनुसार पूरी हो इसके लिये नियुक्त किया जा जाता है। जिनका कार्य निमार्ण कार्यो का इस्टीमेट तैयार करना, ड्रांइग डिजाइन तैयार करना एवं सतत रूप से निमार्ण ऐजेन्सी, ठेकेदारों को तकनीकी मार्ग दर्शन प्रदान करना तथा किये जाने वाले कार्यो का मूल्याकंन करना प्रमुख रूप से शामिल है परंतु दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे भ्रष्टाचार का गोखरधंधा अन्य दूसरे विभागों के सरकारी निमार्ण कार्यो में फल-फूल रहा है। उपयंत्री और सहायक यंत्रियों पर निमार्र्ण कार्य के मूल्याकंन कार्य के लिये रिश्वत जो की निर्माण कार्य की मूल्याकंन  की रििश के आधार पर एक निश्चित प्रतिशत कमीशन के रूप में वसूल की जाती है। जिसका सीधा प्रभाव कार्याे की गुणवत्ता पर पड़ रहा है। जिले में स्थिति यह है कि ज्यादातर शासकीय कार्य गुणवत्ताविहीन हो रहे है।  
भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारियों में रही दहशत
लोकायुक्त पुलिस द्वारा आज सुबह जब १५ हजार रूपए की रिश्वत मांगते हुए जनपद पंचायत में पदस्थ मनरेगा उपयंत्री को पकड़े जाने की कार्यावाही की गई। इसकी जानकारी सामने आते ही पवई स्थित विभिन्न विभागों, कार्यालयों के कर्मचारियों के बीच कार्यवाही को लेकर कानाफूसी देखने मिली। वहीं लेन-देन में माहिर कुछ अधिकारी और कर्मचारी दहशत में नजर आये तथा कई सीटें अधिकारी और कर्मचारी की अनुपस्थिति से खाली दिखाई दी। बहरहाल लोकायुक्त पुलिस की कार्यवाही से भ्रष्टाचार में लिप्त कितने वक्त के लिये सबक लेगा यह स्थिति आने वाले दिनों में ही स्पष्ट होगी। 

Tags:    

Similar News