अभियान में बच गए कमरे, छोटों पर चला अतिक्रमण का चाबुक

पक्षपात की हो रही चर्चा अभियान में बच गए कमरे, छोटों पर चला अतिक्रमण का चाबुक

Bhaskar Hindi
Update: 2023-01-30 07:53 GMT
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डिजिटल डेस्क,कटनी। खिरहनी ओवर ब्रिज के नीचे अतिक्रमण विरोधी अभियान में दो पक्के कमरे बच गए रविवार को यहां पर जेसीबी मशीन पहुंची तो कुछ समय के लोगों को लगा कि अब शायद इन्हीं दोनों कमरों का नंबर है, लेकिन अफसरों की हरी झण्डी नहीं मिलने से बुल्डोजर का पंजा इस तरफ नहीं घूम पाया। कमरों को लेकर अधिकारियों को कई तरह का संशय है। बताया जा रहा है कि जिस समय ब्रिज का निर्माण हो रहा था। उसी समय काम करने वाले ठेकेदारों ने चारों तरफ से दीवार बनाते हुए कमरा तैयार कर लिया था। इस कमरे का उपयोग ठेकेदार के कर्मचारी सामग्री के लिए करते रहे। काम पूरा होने के बाद वे चले गए। तब से लेकर अब तक इन कमरों की खोज-खबर न तो ठेकेदार ने ली और न ही नगर निगम ही कमरे के मालिक का पता कर सका।

संशय में हैं अधिकारी-कर्मचारी

ब्रिज के नीचे ही अलग-अलग जगहों पर दो कमरे बने हुए हैं। जिसमें सामने की तरफ से दरवाजे भी लगे हैं। अधिकारी और अन्य लोग संशय में हैं कि उक्त कमरे का मालिक कौन है। जिसके चलते कमरों को हटाने का काम नहीं हो सका। अधिकारियों ने कहा कि शुरुआती दौर में यह जानकारी लगी है कि यह सेतू विभाग का है। अधिकारियों से बात की जाएगी। जिसके बाद ही आगे का निर्णय लिया जाएगा।

सीसी प्लेट से राहत

अधिकारियों ने शनिवार को ही यह भरोसा दिलाया था कि नालियों के ऊपर से जो कव्हर हटाए गए हैं। उन्हें कव्हर किया जाएगा। रविवार को इसे लेकर निगम के अधिकारियों की सार्थक पहल भी दिखाई दी। आवाजाही में लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो। जिसके लिए नालियों के आसपास से भी मलबा हटाया गया। शनिवार को विधायक ने नालियों को कव्हर किए जाने की बात मौके पर ही  कही थी ब्रिज के नीचे की दूसरे दिन बढ़ी सुंदरता ब्रिज के नीचे अस्थाई दुकानें हट जाने से इसकी सुंदरता अलग ही नजर आई। एक छोर से लेकर दूसरे छोर तक ब्रिज के दोनों तरफ चलने वाले राहगीर एक-दूसरे को देख सकते थे। जिन्हें कुछ समय के लिए रुकना था। वे ब्रिज के नीचे ही अपने चारपहिया वाहन को पार्किंग कर दिए थे। शुक्रवार तक यह स्थिति थी कि ब्रिज के नीचे दुकानें होने से लोग चिन्हित जगहों से एक-दूसरे की तरफ जा सकते थे।

इनका कहना है

ब्रिज के नीचे जो दो कमरे बने हैं। स्थानीय लोगों से मिली जानकारी अनुसार इस कमरे का निर्माण पुल कंस्ट्रक्शन के समय हुआ था। सेतू विभाग के अधिकारियों से बात की जाएगी। अवैध अतिक्रमण के मामले में प्रशासन नियमों के तहत ही कार्यवाही करते आया है और आगामी समय में भी अभियान में कानून का पालन किया जाएगा। 
- सत्येन्द्र धाकरे, निगमायुक्त
 

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