नाबालिग से छेड़खानी करने वाले वृद्ध को सश्रम कारावास

वाशिम नाबालिग से छेड़खानी करने वाले वृद्ध को सश्रम कारावास

Bhaskar Hindi
Update: 2022-01-17 09:27 GMT
नाबालिग से छेड़खानी करने वाले वृद्ध को सश्रम कारावास

डिजिटल डेस्क, वाशिम। प्रमुख जिला व सत्र न्यायाधीश शैलजा सावंत ने शुक्रवार को अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में नाबालिग के साथ छेडखानी करनेवाले 70 वर्षीय नराधम वृद्ध काे 3 वर्ष के सश्रम कारावास तथा ढ़ाई हज़ार रुपए जुर्माने की सज़ा सुनाई । प्रकरण में संक्षिप्त जानकारी के अनुसार रिसोड़ तहसील के ग्राम कंकरवाडी में 19 नवंबर 2019 को उक्त घटना घटी थी जिसमें 30 वर्षीय विवाहिता अपनी 10 वर्षीय पुत्री को लेकर मायके आई थी । महिला की पुत्री जब अपने मामा की 8 वर्षीय पुत्री के साथ गांव के पानी की टंकी की ओर शौच के लिए गई तो उन दोनों को देखकर 70 वर्षीय वामन किसन घनघाव भी वहां पहंुचा और उसने बालिका को उसके पिता की पहचान बताते हुए उसके साथ छेड़खानी की । इसी प्रकार उसकी मामा की पुत्री को कपास चुनने के बहाने खेत की ओर ले जाने लगा लेकिन बालिका के शोर मचाने पर वृध्द वहां से भाग निकला । बाद में दोनों ही बालिकाएं दौड़ते हुए घर लौटी और इस बात से अपनी मां को अवगत कराया । जिसके बाद घर के सदस्य और पड़ोस के 9-10 लोगांे ने मौके पर पहुंचकर आरोपी वृद्ध वामन घनघाव को पकड़ा और उससे जवाब तलब किया । इस मामले में पीड़ित बालिका की मां ने रिसोड़ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई जिस पर पुलिस ने आरोपी वामन किसन घनघाव के विरुद्ध भांदवि की धारा 354, 354 अ समेत धारा 7, 8, बाल लैंगिक अत्याचार प्रतिबंधक कानून के तहत अपराध दर्ज करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया गया । मामले की जांच के बाद न्यायालय में दोषारोपपत्र दायर किया गया । प्रकरण में सरकार पक्ष की ओर से 8 गवाहों के बयान दर्ज किए गए । गवाहों और सबुतों के आधार पर आरोपी वामन घनघाव के विरुद्ध अपराध सिद्ध होने से विद्यमान प्रमुख जिला व सत्र न्यायाधीश शैलजा सावंत ने आरोपी को धारा 354 के तहत दो वर्ष का सश्रम कारावास और एक हज़ार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने पर अधिक माह के सश्रम कारावास, धारा 354 में एक वर्ष सश्रम कारावास तथा 500 रुपए जुर्मान और जुर्माना न भरने पर 15 दिन अधिक सश्रम कारावास, बाल लैंगिक अत्याचार प्रतिबंधक कानून की धारा 8 में तीन वर्ष का सश्रम कारावास और एक हज़ार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना ना भरने पर अधिक एक माह के सश्रम कारावास की सज़ा सुनाई । जुर्माने की राशि मंे से दो हज़ार रुपए पीडित बालिका को देने के आदेश भी न्यायालय ने दिए । प्रकरण में सरकार पक्ष की ओरसे सहायक सरकारी अभियोक्ता एड. अभिजीत व्यवहारे ने काम देखा ।

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