जोधपुर में कोरोना संक्रमण की समीक्षा सजगता और सतर्कता कोरोना से लड़ाई के अचूक हथियार संक्रमण रोकने के लिए करें फोकस्ड टेस्टिंग - मुख्यमंत्री
जोधपुर में कोरोना संक्रमण की समीक्षा सजगता और सतर्कता कोरोना से लड़ाई के अचूक हथियार संक्रमण रोकने के लिए करें फोकस्ड टेस्टिंग - मुख्यमंत्री
डिजिटल डेस्क, जोधपुर। जोधपुर में कोरोना संक्रमण की समीक्षा सजगता और सतर्कता कोरोना से लड़ाई के अचूक हथियार संक्रमण रोकने के लिए करें फोकस्ड टेस्टिंग - मुख्यमंत्री जयपुर, 12 अगस्त। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि विगत कुछ दिनों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े हैं। इसे देखते हुए जोधपुर सहित प्रदेशभर में उन क्षेत्रों में टेस्टिंग बढ़ाई जाए जहां संक्रमण का खतरा ज्यादा होने की आशंका है। टेस्टिंग को फोकस्ड करके हम संक्रमण का फैलाव रोकने में कामयाब हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी सजगता और सतर्कता ही इस लड़ाई के अचूक हथियार हैं। श्री गहलोत बुधवार को जोधपुर में वीडियो कॉफ्रेंस के माध्यम से कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिन देशों ने कोरोना को लेकर लापरवाही बरती वहां हालात बिगड़ गए और जहां सजगता से इसका सामना किया गया वहां मृत्यु दर कम रही। राजस्थान ऎसा प्रदेश है जो इस लड़ाई को पूरी सतर्कता के साथ लड़ रहा है। इसी का परिणाम है कि यहां कोरोना से मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत के मुकाबले काफी कम है। जुलाई माह में तो यह एक प्रतिशत से भी कम रही। जन सहयोग के कारण राजस्थान बना मॉडल मुख्यमंत्री ने कहा कि लंबे समय तक चले लॉकडाउन का जिस समर्पण के साथ प्रदेश की जनता एवं जोधपुरवासियों ने पालन किया, वह निश्चित तौर पर तारीफ के काबिल है। उन्होंने कहा कि जन सहयोग ने ही कोरोना की जंग में राजस्थान को एक मॉडल के रूप में पेश किया। देशभर में हमारे प्रयासों की सराहना की गई। उन्होंने कहा कि कोरोना का खतरा अभी कम नहीं हुआ है। मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग रखने सहित अन्य हैल्थ प्रोटोकॉल की पूरी गम्भीरता के साथ पालना सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था को जो बड़ा नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई के लिए हमें दोगुने जोश के साथ जुटना होगा। एम्स जैसे संस्थानों की स्थापना दूरगामी सोच के साथ हुई श्री गहलोत ने कहा कि एम्स जैसे संस्थानों की स्थापना इस दूरदर्शी सोच के साथ की गई है, जिससे केवल एक शहर या सीमित क्षेत्र को नहीं बल्कि बड़े स्तर पर लोगों को इसका लाभ मिले। कोरोना जैसी महामारी से निपटने में भी ऎसे संस्थानों की विशेष भूमिका होती है। जोधपुर एम्स भी इसी दूरगामी सोच के साथ कोरोना जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए खुद को तैयार करे। 47,000 पर पहुंची जांच क्षमता मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस समय प्रदेश में कोरोना ने दस्तक दी, इस महामारी का सामना करने के लिए हमारे पास न तो अनुभव था और न पर्याप्त संसाधन थे, लेकिन हमने बहुत कम समय में पूरी सूझबूझ और माइक्रो मेनेजमेंट के साथ मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाया है। जहां मार्च माह में हमारी टेस्टिंग केपेसिटी शून्य थी, आज वह बढकर 47 हजार पर पहुंच गई है। चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि हमारा प्रयास है कि प्रदेश में कोरोना से एक भी व्यक्ति की जान नहीं जाए। इसी सोच के साथ हमने प्लाज्मा थैरेपी एवं जीवन रक्षक दवाओं की निःशुल्क उपलब्धता सुनिश्चित की है। कोरोना की लड़ाई के लिए हम जिला एवं उपखण्ड मुख्यालयों पर भी चिकित्सा सेवाओं को मजबूत कर रहे हैं। जोधपुर कलेक्टर श्री इंद्रजीत सिंह ने अपने प्रस्तुतीकरण में बताया कि प्रति 10 लाख की जनसंख्या पर जांच के मामले में जोधपुर देश में सबसे आगे है। यहां प्रति मिलियन आबादी पर 1.94 लाख टेस्ट हुए हैं। अब तक 2 लाख 75 हजार टेस्ट किये जा चुके हैं। मृत्यु दर को नियंत्रित करने में भी हम कामयाब रहे हैं। उन्हाेंने कहा कि मिशन जीवन रक्षा के तहत जिले में हाई रिस्क व्यक्तियों को 2700 पल्स ऑक्सीमीटर उपलब्ध करा चुके हैं। जोधपुर एम्स के निदेशक डॉ. संजीव मिश्रा ने एम्स में कोरोना रोगियों के लिए उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकारी एवं निजी अस्पतलों के चिकित्सों एवं नसिर्ंग कर्मियों को कोविड-19 की रोकथाम के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. जी एल मीणा ने बताया कि जिले में प्लाज्मा डोनेशन का कार्य प्रभावी तरीके से किया जा रहा है। अब तक 44 यूनिट प्लाज्मा लिया जा चुका है और 17 यूनिट दिया जा चुका है। वीडियों कॉफ्रेंस के दौरान राजस्व मंत्री श्री हरीश चौधरी, शिक्षा राज्य मंत्री श्री गोविन्द डोटासरा, विधायक हीरालाल मेघवाल, श्री महेंद्र विश्नोई, संभागीय आयुक्त डॉ. समित शर्मा, नगर निगम आयुक्त श्री आरएस तोमर, श्री सुरेश ओला, जिला परिषद सीईओ श्री इंद्रजीत यादव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।