16 साल से दफ्तरों के चक्कर लगा रहे सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक रामेश्वर, जानें क्यों ?

16 साल से दफ्तरों के चक्कर लगा रहे सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक रामेश्वर, जानें क्यों ?

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-25 11:40 GMT
16 साल से दफ्तरों के चक्कर लगा रहे सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक रामेश्वर, जानें क्यों ?

डिजिटल डेस्क दमोह। एक सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक को उसके ही अर्जित अवकाश की राशि का भुगतान ना होनेे के कारण वह 16 साल से अपने अधिकार के लिये यहा वहा चक्कर काट रहे है।
    उल्लेखनीय है कि सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक रामेश्वर प्रसाद चर्तुवेदी 2001 में रिटायर हुये थे लेकिन उन्हें अर्जित अवकाश की पात्रता नही मिली थी इस संबंध में उनके द्वारा लगातार ही अधिकारियों को आवेदन देकर अपने अर्जित अवकाश के भुगतान के लिये काफी प्रयास किये लेकिन जब किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नही हुई तो वह 30 जनवरी 2015 में अनशन पर बैठ गये थे उस समय तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी एसके नेमा ने उनकी समस्या के हल हेतु एक समिति गठित कर कार्यवाही का आश्वासन दिया था लेकिन उसके बाद आज दिनांक तक उस आश्वासन पर ना तो किसी भी प्रकार की कार्यवाही हुई और ना ही उन्हें अर्जित अवकाश की पात्रता मिली।
    इस संबंध में श्री चर्तुवेदी ने यह भी बताया कि वह कुम्हारी संकुल के अंतर्गत आने वाली शासकीय माध्यमिक शाला पटेरिया से प्राधानाध्यापक के पद पर पदस्थ रहते हुये वर्ष 2001 में सेवानिवृत्त हुये थे। उनका आरोप है कि उस दौरान उनकी सर्विस बुक के कुछ पन्ने प्राचार्य द्वारा फाड़ दिये गये थे। इसका रिकार्ड भी मौजूद था और तभी से इस बात की शिकायत मेरे द्वारा की जा  रही हे लेकिन मुझे सिवाये आश्वासन के कुछ भी नही मिल रहा है। सेवानिवृत्ति के उपरांत से ही वह जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय व कलेक्टर कार्यालय के चक्कर काट रहे है लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नही है उन्होंने अभी हालही में एक बेनर बनाया है। जिसमें लिखा था मुझे खेरात नही अधिकार चाहिए और उन्होंने कहा है कि यदि मेरी समस्या का शीघ्र ही हल नही किया गया तो में आत्मदाह कर लूगा।
इनका कहना है-
शिक्षक की समस्या का शीघ्र ही हल कराने के लिये कार्यवाही की जायेगी और यदि इसमें कही भी दस्तावेज गायब करने और फाडऩे की बात सिद्ध होती है  तो संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।
डॉ श्रीनिवास शर्मा कलेक्टर, दमोह

 

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