यूरिया के लिए सुबह पांच बजे से लग रही कतार, किसानों को बांटे कूपन

छिंदवाड़ा यूरिया के लिए सुबह पांच बजे से लग रही कतार, किसानों को बांटे कूपन

Bhaskar Hindi
Update: 2022-08-04 10:20 GMT
यूरिया के लिए सुबह पांच बजे से लग रही कतार, किसानों को बांटे कूपन

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। बीते पांच दिन से मौसम खुला होने के कारण खरीफ फसलों में यूरिया की खपत अचानक बढ़ गई है। जुलाई माह में झमाझम बारिश और धूप की कमी के कारण पौधों की बढ़वार नहीं हो पाई। फसलों को संवारने के लिए किसान अब यूरिया का छिड़काव कर रहे हैं। खुले बाजार में यूरिया की कालबाजारी के कारण किसान सहकारी समितियों पर निर्भर हो गए हैं। समितियों में किसानों को नगद यूरिया नहीं मिलने के कारण किसान विपणन संघ के गोदाम से नगद यूरिया खरीद रहे हैं। हालात यह हो गए हैं सुबह ५ बजे से गोदाम के बाहर किसान कतार में लग रहे हैं।
परासिया रोड स्थित विपणन संघ के गोदाम में बुधवार को सुबह ८ बजे से किसानों की कतार लग गई। भीड़ ऐसी उमड़ी कि कतार में लगे लोगों को यूरिया की बोरी के लिए दोपहर बाद तक इंतजार करना पड़ा। यूरिया वितरण के लिए किसानों को कूपन थमाए गए। इस दौरान किसानों ने सरकार की नीतियों के खिलाफ आक्रोश भी जताया। किसानों का कहना है कि यूरिया डीएपी का वितरण सहकारी समितियों के माध्यम से ही किया जाए।
पांच दिन में ८ मिमी बारिश
बीते पांच दिन में जिले में औसत ८ मिमी बारिश रिकार्ड की गई। भू अभिलेख कार्यालय के अनुसार ३० जुलाई की सुबह तक जिले में कुल ८०९.४ मिमी बारिश हुई थी जबकि ३ अगस्त की सुबह ८१७.४ मिमी बारिश रिकार्ड की गई। जबकि गत वर्ष इस अवधि तक ५३१.६ मि.मी.औसत बारिश हुई थी। आगामी कुछ दिनों तक मौसम खुला रहने की संभावना को देखकर किसान फसलों में जल्द से जल्द यूरिया की पूर्ति करना चाहते हैं।
किसानों में जमकर आक्रोश
जिले में यूरिया की कालाबाजारी को लेकर किसानों में जमकर आक्रोश है। चारगांव से आए किसान रामभरोस पटेल ने कहा कि कृषि मंत्री के जिले के किसानों को यूरिया दोगुने दाम पर खरीदनी पड़ रही है। किसान संघ और किसान नेताओं ने चुप्पी साध रखी है। सलैया के किसान किसनलाल साहू ने कहा कि कृषि विभाग ने हर दुकान में कृषि अधिकारी तैनात करने की बात कही है लेकिन किसी भी दुकान पर विभाग के कर्मचारी नजर नहीं आते।
किसानों को १५० कूपन बांटे
विपणन संघ के गोदाम में सुबह से कतार में लगे किसानों की सुविधा के लिए प्रबंधन ने कूपन का सहारा लिया। कूपन के आधार पर किसानों को बुलाकर पीओएस मशीन में जानकारी दर्ज करने के बाद यूरिया की बोरी दी गई। इस प्रक्रिया के तहत यूरिया वितरण में एक घंटे में महज १० से १२ किसानों को यूरिया दी जा रही थी। बुधवार रात लगभग ८ बजे तक गोदाम से १५० किसानों को कूपन के आधार पर यूरिया दी गई।
इनका कहना है
जिले में कई किसान ऐसे हैं जो किसी भी समिति के सदस्य नहीं है या वे समिति के डिपाल्टर सदस्य हो चुके हैं ऐेसे किसानों को समितियों से परमिट के आधार पर यूरिया नहीं मिलती। ऐसे किसानों को विपणन संघ के गोदाम से नगद यूरिया दी जा रही है।
 

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