ऑनलाईन प्रणाली से घटे विधायकों के सवाल, डिजिटल से अभी भी दूरी

ऑनलाईन प्रणाली से घटे विधायकों के सवाल, डिजिटल से अभी भी दूरी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-18 14:24 GMT
ऑनलाईन प्रणाली से घटे विधायकों के सवाल, डिजिटल से अभी भी दूरी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र विधानमंडल के अधिवेशन के दौरान दोनों सदनों में प्रश्नकाल में पूछे जाने वाले सवालों को ऑनलाइन मंगाने के फैसले के बाद विधायकों की तरफ से भेजे जाने वाले सवालों की संख्या घट गई है। हालांकि ऑनलाइन सवाल मंगाए जाने के बाद प्रश्नों की गुणवत्ता में काफी सुधार आया है। विधानमंडल सचिवालय के एक अधिकारी ने ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में बताया कि पहले विधायक सदन में प्रश्न पूछने के लिए अपने सवाल आफ लाईन लिखित में भेजते थे। लेकिन अब सभी विधायकों को ऑनलाइन सवाल भेजने पड़ते हैं। इससे विधायकों द्वारा विधानमंडल के कामकाज में अपने सवालों को शामिल करने के लिए भेजे जाने वाले सवालों की संख्या में कमी आई है। अधिकारी ने बताया कि पहले विधानमंडल के हर सत्र में लगभग 12 हजार सवाल विधायकों की तरफ से भेजे जाते थे। लेकिन ऑनलाइन सिस्टम शुरु होने के बाद करीब 10 हजार सवाल हर सत्र में आ रहे हैं।

ऑफ लाईन प्रणाली बंद होने का असर
अधिकारी ने बताया कि अब सदन में पूछे जाने वाले तारांकित प्रश्न और अतारांकित प्रश्नों को ऑनलाइन भेजना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके साथ ही ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, आधे घंटे की चर्चा और गैर सरकारी प्रस्ताव समेत अन्य प्रस्तावों के माध्यमों से सदन में उपस्थित किए जाने वाले प्रश्नों को ऑनलाइन मंगाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया की परिकल्पना के तहत महाराष्ट्र विधानमंडल का कामकाज धीरे-धीरे ऑनलाइन करने का काम शुरू है। इसके तहत विधानमंडल के सत्र में पूछे जाने वाले सभी प्रश्नों को विधायकों से ऑनलाइन मंगाया जाता है। इसके लिए विधायकों को महाराष्ट्र विधानमंडल की वेबसाइट के लिए लॉग इन-पासवर्ड भी दिए गए हैं।

नागपुर सत्र में इस बार भी मिलेगा विप में लैपटॉप 
नागपुर में 4 जुलाई से शुरू होने वाले विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान विधान परिषद में सदस्यों को ऑनलाइन कामकाज के लिए लैपटॉप उपलब्ध कराया जाएगा। सदन की कार्यवाही ऑनलाइन शुरू करने की दृष्टि से विधान परिषद में विधायकों को लैपटॉप दिया जाता है। सदन में विधायकों के आसन के सामने लैपटॉप रखे जाते हैं। इससे पहले पिछले साल दिसंबर महीने में नागपुर में हुए विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में लैपटॉप उपलब्ध कराया गया था। जबकि विधानसभा सदस्यों को लैपटॉप के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा।

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