हर्रई एडमिशन कांड में प्राइवेट कॉलेज भी संदेह के घेरे में, मचा हड़कंप
हर्रई एडमिशन कांड में प्राइवेट कॉलेज भी संदेह के घेरे में, मचा हड़कंप
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। हर्रई एडमिशन कांड के खुलासे के बाद जिले के प्राइवेट कॉलेज संदेह के घेरे में आ गए हैं। जिले में संचालित दो दर्जन से ज्यादा प्राइवेट कॉलेज में एडमिशन के नाम पर भले ही गिनती के बच्चे पढ़ते हों लेकिन उनका कारोबार प्रभावित नहीं होता। उच्च शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े विश्वसनीय सूत्र की माने तो प्राइवेट इसी तरह से सीटें हड़पकर अपना कारोबार चला रहे हैं।
हाल ही में हर्रई के प्राइवेट कॉलेज ओम साईं समर्थ में एडमिशन हड़पने के षडय़ंत्र का खुलासा हुआ था। इस मामले की जांच में ऐसे ही तथ्य सामने आए हैं, कि सरकारी कॉलेज से ज्यादा इस प्राइवेट कॉलेज को सीटें आवंटित की गई है। सालों से इस कॉलेज में स्टूडेंट्स की संख्या बहुत कम है। यही हाल पूरे जिले के प्राइवेट कॉलेजों का है। स्टूडेंट्स के प्रवेश की संख्या कम होने के बाद भी ये कॉलेज संचालित हैं। मान्यता लेने के बाद ये कॉलेज एक यूनिवर्सिटी से संबद्धता दर्शाते हैं, जबकि इसकी आड़ में ऐसे ही एडमिशन हड़पने और अन्य यूनिवर्सिटी के डिग्री, डिप्लोमा दिलाने का भी कारोबार करते हैं।
प्राइवेट ऑपरेटर्स को सौंपी जाती है ये जिम्मेदारी
जिले के अधिकांश कॉलेजों में कम्प्यूटर ऑपरेटिंग से लेकर गोपनीय दस्तावेजों से संबंधित कामकाज प्राइवेट कर्मचारियों के जिम्मे सौंप दिए जाते हैं। सरकारी दस्तावेजों का आदान-प्रदान, एडमिशन, रिजल्ट जैसे कामकाज जनभागीदारी से रखे गए कर्मचारी या फिर प्राइवेट व्यक्ति को सौंपे जाते हैं। जबकि सरकार से मोटी तन्ख्वाह लेने वाले कर्मचारी इन जिम्मेदारियों से बचते हैं।
इनका कहना है...
॥मुझे एडमिशन कैंसिल होने के मामले में जांच के लिए अधिकृत किया गया था। कॉलेजों की मान्यता संबंधी जांच यूनिवर्सिटी के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। शासन स्तर पर ही जांच की कार्रवाई कराई जा सकती है।
-राजेंद्र मिश्रा, कुल सचिव छिंदवाड़ा यूनिवर्सिटी
फैक्ट फाइल
15 प्राइवेट कॉलेज (छिंदवाड़ा से संबद्ध)
06 प्राइवेट कॉलेज (सागर से संबद्ध )
16 सरकारी कॉलेज
04 अनुदान प्राप्त कॉलेज