सुविधाओं के अभाव से साखरखेर्डा सलाइन पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र

हाल सुविधाओं के अभाव से साखरखेर्डा सलाइन पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र

Bhaskar Hindi
Update: 2022-08-01 12:43 GMT
सुविधाओं के अभाव से साखरखेर्डा सलाइन पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र

डिजिटल डेस्क, साखरखेर्डा। स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ केंद्र के सौर ऊर्जा आरओ मशीन बंद होने से मरीज शुध्द पेय जल से वंचित है। स्वास्थ्य सेवक, सेविकांओं के पद रिक्त होने से यह उपकेंद्र केवल नाममात्र रहा है। इससे मरीजों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। साखरखेर्डा स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत २३ गांव है तथा सात उपकेंद्र आते है, ग्राम सवडद में भी उपकेंद्र है। किंतु विगत कई वर्षो से यहां स्वास्थ्य सेवक की जगह रिक्त् है। ग्राम गुंज स्थित उपकेंद्र में स्वास्थ्य सेवक व सेविका यह दो जगह रिक्त होने से इस उपकेंद्र को ताला लगा है। इसी के चलते मरीजों को इलाज के लिए जाना पड़ता है। साखरखेर्डा के उपकेंद्र में भी स्वास्थ्य सेवक व सेविका नहीं, राजेगांव व शेंदुर्जन में दो जगह स्वास्थ्य सेवक व स्वास्थ्य सेविका के पद रिक्त है। साखरखेर्डा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रतिदिन २०० से २५० मरीजों पर प्राथमिक उपचार किए जाते थे। आवश्यक औषधि संग्रह तथा डाक्टरों से तत्काल सेवाए उपलब्ध होने से मरीजों की संख्या में वृध्दि हो रही थी। किंतु विद्युत समस्या निर्माण होने से इस स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों की संख्या लगातार घट रही है। प्राथमिक स्वास्थ केंद्र में अखंडित विद्युत आपूर्ति हो इस हेतू से महाराष्ट्र शासन के स्वास्थ्य विभाग ने इस स्वास्थ्य केंद्र में सौर ऊर्जा उपकरण लगाए है। किंतु आठ वर्षां पूर्व लगाया गया सौर ऊर्जा यंत्र बंद है। विगत वर्ष दूसरा सौर ऊर्जा यंत्र लगाया गया। किंतु वह भी बंद अवस्था में है, सौर उर्जा यंत्रणा कार्यान्वित नहीं होने से डॉक्टरों को अंधेरे में मरीजों की जांच करनी पड़ रही है। केवल शो पीस के तौर पर सौर ऊर्जा यंत्र व वाटर फिल्टर लगाए गए। किंतु वह कब शुरू होंगे इस प्रतीक्षा में मरीज है।

केंद्र में मनमाना कामकाज
स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लगातार अनुपस्थित रहनेवाले कर्मचारियों पर नियंत्रण करने हेतू थम मशीन की मांग है। ग्रामीण परिसर में डयुटी पर होने का बहाना बनाकर कई कर्मचारी अपनी मनमानी करते है। इससे दिन रात सेवा में उपस्थित रहनेवाले कर्मचारियो पर अतिरिक्त दबाव बना रहता है। किंतु इस ओर वैद्यकीय अधिकारी तथा जिला स्वास्थ्य अधिकारी का ध्यान न होने से प्रामाणिक भाव से अपना कर्तव्य निभानेवाले कर्मचारियों को परेशानी झेलनी पड़ती है। इसी के चलते थम मशीन लगाने की मांग हो रही है।

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