दमोह में पोल्ट्री ग्रेड चावल गरीबों को बांटने की थी तैयारी  

दमोह में पोल्ट्री ग्रेड चावल गरीबों को बांटने की थी तैयारी  

Bhaskar Hindi
Update: 2020-09-22 09:00 GMT
दमोह में पोल्ट्री ग्रेड चावल गरीबों को बांटने की थी तैयारी  

डिजिटल डेस्क दमोह। जिले में गरीब लोगों को बंटने के लिए तैयार रखे 750 टन चावल को अमानक घोषित किया गया है। यह चावल इतना खराब माना गया है कि यह अब केवल मुर्गियों, पशुओं का दाना बन सकता है। दरअसल, प्रदेश में चावल घोटाला सामने आने के बाद 31 अगस्त को सागर से दमोह पहुंची क्वालिटी कंट्रोल की दो सदस्यीय टीम ने दमोह और जबेरा वेयर हाउस में रखे चावल के अलग-अलग 12 सैंपल लिए थे। सैंपल की रिपोर्ट दो दिन पहले सागर से आ गई हैं, जिसमें बड़ा खुलासा हुआ है।
 क्वालिटी कंट्रोलर जितेंद्र सिंह और दीपक जायसवाल द्वारा चावल के सैंपल की हर पैमाने पर जांच की गई, जिसमें से 5 सैंपल फीड-1 की स्थिति में पाए गए। शेष 7 सैंपल में से 6 नॉन एफएक्यू और एक ठीक पाया गया है। फीड-1 की स्थिति में पाया गया चावल लोगों के खाने योग्य भी नहीं माना जाता है।    
इनका कहना है 
बालाघाट घोटाला के बाद दमोह में भी चावल का आवंटन रोक दिया गया था। यही वजह थी कि सितंबर के लिए राशन दुकानों को आवंटन के लिए तैयार चावल रुक गया।  दमोह से 12 सैंपल हुए थे, जिनमें से 5 सैंपल की रिपोर्ट फीड-1 आई है। करीब 750 टन चावल अमानक घोषित किया गया है। यह चावल खाने योग्य नहीं है। इसे केवल मुर्गियां, बकरियां के दाना के लिए उपयोग लिया जा सकता है।  
संजय सिंह, संभागीय अधिकारी नान, सागर
 

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