नेशनल हाईवे पर जाम लगाने को लेकर पुलिस ने दर्ज किया प्रकरण
मॉब लिंचिंग नेशनल हाईवे पर जाम लगाने को लेकर पुलिस ने दर्ज किया प्रकरण
डिजिटल डेस्क, सिवनी। सिमरिया गांव में हुई मॉब लिंचिंग की घटना में दो लोगों की मौत के बाद नेशनल हाईवे 44 पर कुरई थाना के सामने जाम लगाने के मामले में पुलिस ने बरघाट के कांग्रेस विधायक अर्जुन सिंह काकोडिय़ा सहित आधा सैकड़ा से ज्यादा लोगों पर मामला दर्ज किया है। इस मामले में पुलिस ने 10 लोगों को नामजद आरोपी बनाया है, जबकि 50-60 अन्य शामिल बताए जा रहे हैं।
7 घंटे तक जाम था हाईवे-
घटना के बाद 3 मई को नेशनल हाईवे 44 को सिवनी-नागपुर के बीच कुरई में 7 घंटे तक जाम लगाकर बाधित किया गया था। विधायक अर्जुन काकोडिय़ा की अगुवाई में लगाया गया जाम सुबह 11 बजे से शाम लगभग 6 बजे तक चला था। जाम के चलते दोनों ओर कई किलोमीटर तक भारी वाहनों, ट्रक-बस आदि की कतार लग गई थी और सैकड़ों वाहन घंटों फंसे हुए थे।
ये घाराएं लगाई गईं-
मॉब लिंचिंग मामले की जांच कर रहे बरघाट एसडीओपी शशिकांत सरेयाम से संपर्क किए जाने पर उन्होंने बताया कि हाईवे जाम किए जाने को लेकर विधायक अर्जुन सिंह काकोडिय़ा सहित 10 नामजद लोगों व 50-60 अन्य पर धारा 147, 341 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। बताया गया कि इस मामले में अभी किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
मॉब लिंचिंग में 13 गिरफ्तार-
सिमरिया में दो लोगों की मॉब लिंचिंग से हुई मौत के मामले में कुरई थाना में दर्ज प्रकरण में गिरफ्तार आरोपियों की संख्या अब तक 13 ही है। घटना के रोज ही पुलिस ने 6 नामजद आरोपियों सहित 9 को गिरफ्तार कर लिया था, जबकि 4 मई को 4 अन्य आरोपी गिरफ्तार किए गए थे। एसडीओपी सरेयाम ने बताया कि मामले की विवेचना जारी है।
भाजपा के जांच दल ने सौंपी रिपोर्ट-
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष द्वारा गठित 6 सदस्यीय जांच दल ने भोपाल लौटकर अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। सिवनी आने के बाद जांच दल ने अफसरों, पार्टी नेताओं के साथ मामले की जानकारी लेने के साथ ही सिमरिया गांव जाकर पीडि़तों से मुलाकात कर उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया था। बताया गया कि जांच दल द्वारा सौंपी गई तीन पन्नों की रिपोर्ट में इस पूरे मामले में पुलिस व प्रशासन की लापरवाही का उल्लेख किया गया है। इस मामले में किसी बड़े षडय़ंत्र का जिक्र करते हुए मुख्य गुनहगार को परदे के पीछे छिपा बताया गया है। बताया गया कि जांच दल द्वारा अपनी रिपोर्ट में कई बिंदु उठाए गए हैं, जिन्हें यदि संगठन संज्ञान में लेता है तो अफसरों पर कार्रवाई हो सकती है।