अपनी बेटी को मोहरा बनाकर मासूम का अपहरण, गिरफ्त में आई शातिर महिला
अपनी बेटी को मोहरा बनाकर मासूम का अपहरण, गिरफ्त में आई शातिर महिला
डिजिटल डेस्क करेली नरसिंहपुर । अपनी बच्ची को हथियार बनाकर एक 6 साल की मासूम को अपहरण करने वाली एक महिला को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार महिला के इरादे खतरनाक थे समय रहते इस काबू पा लया गया जिससे वह अपने मनसूबों में कामयाब नहीं हो पाई ।महिला का दूसरा पति उत्तर प्रदेश में रहता है जिससे महिला की लगातार बात हो रही थी । शनिवार की शाम से गायब बच्ची को लेकर सभी परेशान रहे। सुबह करीब 11 बजे जब अपहरण करने वाली महिला वंदना कोरी उसे लेकर अन्यत्र जाने का प्रयास कर रही थी उस दौरान उसे धर दबोचा और अपहृत बच्ची को उसके परिवार के पास सकुशल पहुंचाया गया।
पिता ने की शिकायत
अपहृत बच्ची के पिता मुकेश मेहरा ने बताया कि शनिवार शाम को 6 बजे से मेरी 6 साल की बेटी घर के सामने खेलते खेलते गायब हो गई जब वह बहुत देर तक वापिस घर नहीं आई आस पडौस में पता करने पर भी कुछ पता नहीं चला तब पुलिस को बेटी के गायब होने की शिकायत दर्ज कराई। जिस पर पुलिस ने धारा 363 के तहत मामला पंजीबद्ध कर लिया था।
थाना प्रभारी मुकेश खम्परिया ने बताया कि शिकायत के बाद घटना की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को देकर सर्च आपरेशन तेज कर दिया। तत्काल डॉग स्क्वार्ड को भी बुलाया गया जिससे काफी मदद मिली। ग्राम रक्षा समिति व पुलिस बल रात भर पतासाजी में जुटी रही।
शातिर है महिला
जानकारी अनुसार मामला आरोपी महिला इतनी शातिर है कि कोई किसी तरह का शक ना करे इसके लिए अपहरण के लिए अपनी ही लड़की को 6 साल की मासूम बच्ची के पास खेलने के लिए भेज दिया और उसे घर लाने को कहा । इस तरह आरोपी महिला के पास 6 साल की बच्ची उसके अम्बेडकर वार्ड में उसके किराये के मकान में आ गई। जहां वह मासूम बच्ची को रात भर रखे रही । स्थानीय जनों व पुलिस की चौकसी के चलते सुबह 11 बजे के लगभग बच्ची के कपड़े बदलकर, पैरों में माहुर लगाकर व मुंह पर कपड़ा ढ़ांककर बस से अन्यंत्र ले जाने का प्रयास करते समय धर दबोची गई।
अन्य पहलुओं पर भी जांच
पुलिस ने बताया कि बच्ची की बरामदगी के साथ ही अब मामला अपहरण का दर्ज किया है। वहीं महिला के संदिग्ध आचरण के चलते उसके पूर्व पति सहित अन्य पहलुओं से पुलिस जांच कर रही है। मामले की पतासाजी में करेली पुलिस के राजेष शर्मा, सुनील शर्मा, कल्पना नामदेव, अनुराग कोरव, राजेष बागरी का सहयोग सराहनीय रहा।