आमचे गाव विकणे आहे, खेत नष्ट होने का मुआवजा अबतक नहीं
फलक आमचे गाव विकणे आहे, खेत नष्ट होने का मुआवजा अबतक नहीं
डिजिटल डेस्क, चिखली. विगत डेढ़ वर्ष पूर्व दो गांवों में बादल फटने से परिसर के दो प्रकल्प फूट कर परिसर के किसानों की खेत में घुस गए जिससे फसलों के साथ खेत नष्ट हो गए। परेशान होकर शासन के सामने बार बार गुहार लगाने पर कुछ भी फायदा नहीं हुआ। इससे हैरान व परेशान चिखली तहसील स्थित ग्रा अंबाशीवासियों ने गांव की सीमा पर ‘गांव विक्री करणे आहे’ का फलक लगाया है, डेढ़ साल पहले चिखली तहसील में हुई अति बारिश से अंबाशी समेत आमखेड के दो छोटे प्रकल्प फूटने से प्रकल्प के प्रवाह में आने वाली सैकड़ों हेक्टेयर खेती फसलों के साथ बह गई। उस समय से क्षतिग्रस्त किसान शासन की ओर प्रकल्प व खेत सुधार की मांग कर रहे हैं किंतु सरकार की ओर से अभी तक किसी प्रकार की सहायता नहीं की गई। खेती का नुकसान हुआ, प्रशासन के अधिकारी, कर्मचारी आए अवलोकन किया। विधायक, सांसद व पालकमंत्री भी आए उन्होंने भी क्षति का अवलोकन किया किंतु क्षतिग्रस्त किसानों को एक छदाम भी नहीं मिला।
खेत बहने से आने वाले दस वर्ष तक उसमें फसल नहीं उपजेगी। पैसे ना होने से खेती की दुरूस्ती भी नहीं कर सकते, इतना ही नहीं जिस विभाग के यह दो प्रकल्प हैं उन्होंने भी सरल सी दुरूस्ती भी नहीं कराई। परेशान व हैरान हुए गांववासियों ने शासन प्रशासन व राजनेताओं का ध्यान केंद्रित करने के लिए अपना गांव विक्री करने का निर्णय लिया है। इस व्यवहार से मिलने वाले रूपयों से खेती व प्रकल्प की दुरूस्ती करने की जानकारी ग्राम अंबाशी के सरपंच शिवानंद गायकवाड ने दी है।