आपात परिस्थितियों में ही मनपा आयुक्त दें पेड़ काटने की अनुमति 

आपात परिस्थितियों में ही मनपा आयुक्त दें पेड़ काटने की अनुमति 

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-23 14:48 GMT
आपात परिस्थितियों में ही मनपा आयुक्त दें पेड़ काटने की अनुमति 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि मनपा आयुक्त सामान्य परिस्थियों में नहीं आपात व अपवादजनक स्थितियों में ही पेड़ों को काटने की अनुमति देने के अधिकार का इस्तेमाल करें। यह कहते हुए हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र (अरबन एरिया) प्रोटेक्शन एंड प्रिजरवेशन आफ ट्री एक्ट में पिछले दिनों किए गए संसोधन पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। इस कानून में किए गए संसोधन के अनुसार प्रत्येक महानगरपालिका के आयुक्त को 25 पेड़ काटने की अनुमति देने का अधिकार दिया गया है। संशोधन के मुताबिक 25 से अधिक पेड़ काटने के प्रस्ताव को वृक्ष प्राधिकरण के सामने रखना होगा।

मनपा आयुक्त को दिए अधिकार के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता जोरु भतेना ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी है। जस्टिस अभय ओक व जस्टिस रियाज छागला की बेंच ने मामले से सभी पक्षों को सुनने के बाद आदेश देते हुए कहा कि व्यवहारकि रुप से कानून में किए गए संशोधन पर रोक लगाना संभव नहीं है, लेकिन प्रथम दृष्टया हमारी राय है कि महानगरपालिका आयुक्त आम परिस्थियों में नहीं बल्कि अापात व अपवादजनक स्थिति में ही संशोधन के तहत मिले अधिकार का इस्तेमाल करें। जैसे किसी पेड़ के चलते किसी की संपत्ति व जीवन को खतरा हो तो उसे ही काटने की इजाजत दें।  

कानून में संशोधन पर हाईकोर्ट का रोक लगाने से इंकार 
बेंच ने कहा कि मनपा आयुक्त अपने अधिकारों का इस तरह से इस्तेमाल न करें की वे वृक्ष प्राधिकरण का विकल्प  बन जाएं। यदि मनपा आयुक्त वृक्ष को काटने से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी देते हैं, तो तीन सप्ताह तक उस पर अमल न किया जाए। मनपा आयुक्त के निर्णय को संबंधित महानगरपालिका की वेबसाइट पर अपलोड किया जाए और व्यापक रुप से प्रसारित होने वाले हिंदी, मराठी व अंग्रेजी के अखबार में विज्ञापन दें। ताकि प्रभावित लोग मनपा आयुक्त के फैसले को चुनौती दे सके। बेंच ने कहा कि पेड़ काटने को लेकर दिए गए आदेश में मनपा आयुक्त न सिर्फ विशेषज्ञ की राय लें, बल्कि आदेश में उनके नाम का भी जिक्र करें।

इसके साथ ही वृक्षों के काटने को लेकर कारण सहित आदेश जारी करें। बेंच ने कहा कि वृक्ष प्राधिकरण के सदस्यों की नियुक्ति में विज्ञान संकाय से स्नातक शिक्षा वालों को प्राथमिकता दी जाए। इस बीच बेंच ने कहा कि ठाणे महानगरपालिका ने नियमों के विपरती जाकर वृक्ष प्राधिकरण का गठन किया था इसलिए उसे बर्खास्त किया जाता है। बेंच ने नगर विकास विभाग के प्रधानसचिव को कहा है कि वे इस बात पर विचार करें कि उद्यान अधिकारी किसे नियुक्त करना चाहिए। 

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