लापरवाही: महज 56 फीसदी बसों में लगे कैमरे और जीपीएस
लापरवाही: महज 56 फीसदी बसों में लगे कैमरे और जीपीएस
डिजिटल डेस्क नरसिंहपुर । अंतिम तिथि के लगातार बढ़ाने के बावजूद जिले में संचालित यात्री बसों में कैमरे और जीपीएस लगाने का कार्य अधूरा है। आलम यह है कि लगभग एक वर्ष से प्रक्रिया संचालित है, लेकिन महज 56 फीसदी बसों में ही सुरक्षा के मद्देनजर सीसीटीव्ही कैमरा और जीपीएस सिस्टम लग पाया है।
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार के निर्देशानुसार एक अप्रैल 2017 से प्रत्येक यात्री वाहन में यह सिस्टम अनिवार्य किये गये थे, बाद मे राज्य सरकार द्वारा इसे 31 दिसम्बर तक बढाया गया लेकिन इस बढ़ी हुई समयावधि में जिले के शत प्रतिशत यात्री वाहनों का लक्ष्य पूरा नही हुआ।
अब 31 मार्च हुई तिथि
लक्ष्य को पूरा करने के लिए समयावधि 31 मार्च 2018 तक बढ़ा दी गई है इस लिहाज से शेष एक माह में जिले मे संचालित हो रही करीब 44 फीसदी बसों मे यह उपकरण लगाये जाना है। वर्तमान मे जिले में 258 यात्री बस संचालित होती है जिसके विरूद्ध अभी मात्र 146 बसों में ही उक्त उपकरण स्थापित हुए है।
सुरक्षा है मुद्दा
बताया गया है कि यात्री बसों मे कैमरे और जीपीएस लगाने के पीछे यात्री सुरक्षा मुख्य मुद्दा है। जिले में यात्रियों को बिठाने के चक्कर में रूट पर समय का ध्यान रखे बिना बसों का संचालन होता है, अकारण बसों को रोक के रखा जाता है, जिससे यात्रियों को परेशानी होती है और उनकी सुरक्षा को लेकर खतरा पैदा होता है।
20 हजार का खर्चा
जानकारों के मुताबिक यात्री बसों मे कैमरे और जीपीएस लगाने के लिए बस संचालक को लगभग 20 हजार रूपये व्यय करने होंगे। इस बडी राशि के अचानक आये खर्चे के कारण भी बस संचालक बसों मे इन उपकरणों की स्थापना करने से कतरा रहे है।
जीपीएस ऐसे करेगा काम
आरटीओ अधिकारी ने बताया कि बसों मे जीपीएस लगने के बाद परिवहन विभाग अपनी बेवसाइट पर एक लिंक देंगे इस पर बस का नंबर दर्ज कर बस से जुड़ी पूरी जानकारी निकाली जा सकेंगी। अगर कोई बस संचालक अपने तय रूट के अलावा किसी अन्य रूट पर जायेगा तो उसे पकड़ा जा सकेगा वही कैमरों से ओव्हरलोडिग़ और महिलाओं की सुरक्षा पर संज्ञान लिया जा सकेगा।
इनका कहना है
कैमरे और जीपीएस लगाने के लिए 31 मार्च 2018 तक तिथि बढ़ा दी गई है शेष रही बसों मे इस समयावधि में यह उपकरण फिट करा लिये जावेंगे।
जितेन्द्र शर्मा, आरटीओ नरसिंहपुर