ऐसे सुधरेगी शिक्षा व्यवस्था, अधिकारी ही कर रहे नियमों का उल्लंघन

ऐसे सुधरेगी शिक्षा व्यवस्था, अधिकारी ही कर रहे नियमों का उल्लंघन

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-25 07:57 GMT
ऐसे सुधरेगी शिक्षा व्यवस्था, अधिकारी ही कर रहे नियमों का उल्लंघन

डिजिटल डेस्क,नरसिंहपुर। प्रदेश के सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने के लिए विभाग कई कोशिश कर रही है। मगर जिले के अधिकारी अपनी मनमानी पर उतारू हैं। अधिकारियों को निरीक्षण के दौरान एक पीरियड पढ़ाना भी होता, लेकिन महकमा सिर्फ रस्म अदायगी कर रहा है। इन स्थितियों के चलते बच्चों और स्कूलों के शैक्षणिक स्तर की हकीकत सभी के सामने है।

गौरतलब है कि बीते एक साल से शिक्षा विभाग ने हर माह के निरीक्षणों की संख्या भी तय की है। संस्थाओं के प्राचार्य अपने स्कूल में कम से कम एक पीरियड जरूर पढ़ाएंगे। इसका उल्लेख स्कूल के नियमित टाइम टेबल में भी किया जाएगा। इसके अलावा वे कक्षा में बैठकर शिक्षकों के शिक्षण कार्य की मॉनिटरिंग करेंगे। उनकी कमियों को डायरी में नोट कर उन्हें दूर करेंगे। इस आदेश का पालन होता कहीं दिखाई नहीं देता है। 

यह था निरीक्षण का लक्ष्य
संभागीय संयुक्त संचालक 25 प्राथमिक, 20 माध्यमिक, 15 हाई और 8 हायर सेकेंड्री स्कूलों का निरीक्षण करेंगे। इसी तरह जिला शिक्षा अधिकारी 10 प्राथमिक, 6 माध्यमिक, 8 हाई और 5 हायर सेकेंड्री स्कूल तथा विकासखंड शिक्षा अधिकारी 40 प्राथमिक, 20 माध्यमिक और 2 हाईस्कूल एवं स्कूल प्राचार्य  5 प्राथमिक, 2 माध्यमिक और 2 हाईस्कूलों का निरीक्षण करेंगे।निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार संभागीय संयुक्त संचालक को माह में तीन और जिला शिक्षा अधिकारी को माह में दो बार अपने क्षेत्र के किन्हीं गांवों में रात्रि विश्राम भी करना है। इस मामले को लेकर भ्रम की स्थिति है विभाग के सूत्र रात्रि विश्राम की बात को लेकर नए आदेश का हवाला देकर शिथिलता की बात कर रहे हैं। 

मुख्यालय पर नहीं रहते प्राचार्य
संस्था के प्राचार्य को संबंधित स्कूल मुख्यालय पर ही रहना है। हालांकि इसमें 8 किलोमीटर रेडियस में रहकर भी प्राचार्य का दायित्व संभालने की छूट है। वहीं बताया जा रहा है कि जिले के अधिकांश हाई एवं हायर सेकेंडरी के प्राचार्य नरसिंहपुर, गाडरवारा, करेली, गोटेगांव, तेंदूखेड़ा में निवास करते हैं। दूरस्थ क्षेत्र में पदस्थ प्राचार्य इस नियम का उल्लंघन कर रहे हैं। जिला शिक्षा अधिकारी जेके मेहर का कहना है कि स्कूलों के निरीक्षण का कार्य निर्धारित कैलेंडर के आधार पर किया जाता है। यह जरूर है कि प्राचार्यो के लिए जारी मुख्यालय पर रहने के आदेश के पालन में गड़बड़ी हो सकती है। इस संबंध में यदि कोई शिकायत सामने आती है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। 

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