सूखे की स्थिति में अफसर कर रहे पानी की बर्बादी : स्टॉप डेम के गेट गायब
सूखे की स्थिति में अफसर कर रहे पानी की बर्बादी : स्टॉप डेम के गेट गायब
डिजिटल डेस्क नरसिंहपुर । एक ओर जहां अवर्षा के कारण जिले में पानी की त्राहि - त्राहि मचने वाली है वही दूसरी ओर वन विभाग के अफसरों की लापरवाही के कारण पानी की बर्बादी हो रही है । जल संरक्षण को लेकर जागरुकता अभियान चलाए जा रहे हैं तथा जगह-जगह नदी-नालों पर बोरी बंधान बनाकर पानी रोकने की कवायद की जा रही है वहीं गोटेगांव विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम बरहटा के समीप मुंगवानी मार्ग पर दतला नाला पर बनाए गए स्टॉप डेम के गेट दो वर्ष से गायब हैं। इससे नाले में पानी नहीं ठहर रहा। वन विभाग द्वारा इस डेम का निर्माण कराया गया था, लेकिन उसे इस मामले में कुछ पता नहीं है। गर्मी के मौसम में जंगली जानवरों को वन क्षेत्र में पानी नहीं मिलता इसलिए वे गांवों की ओर पलायन करते हैं, दतला नाला पर बने स्टाप डेम से इस समस्या का प्रभावी निराकरण हुआ था, लेकिन इसका रख-रखाव नहीं होने के कारण बरसात का पानी व्यर्थ बह रहा है। आने वन विभाग ने इस नाले पर स्टॉफ डेम बनवाया है। इसमें लोहे का गेट लगाया गया था जिसे बारिश के दिनों में खोल दिया जाता था, इसके बाद बंद किया जाता था, इससे डेम में पानी रुक जाता था, अब यह गेट ही गायब हैं।
5-6 वर्ष से नहीं हो रहा रखरखाव
जंगली जानवरों को पानी उपलब्ध कराने के लिए दतला नाला पर स्टापडेम बनाने की वन विभाग की पहल कारगर है, बारिश पश्चात गेट बंद होने से इसमें पानी जमा होता था और गर्मी के मौसम तक चलता था, लेकिन 5-6 वर्ष से इसका रख-रखाव ही नहीं हो रहा, लोहे का गेट गायब है।
एक-दूसरे पर डाल रहे जिम्मेदारी
स्टॉप डेमों का निर्माण कराने की जिम्मेदारी जल संसाधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि स्टॉप डेम निर्माण के बाद वे इसे संबंधित क्षेत्र की ग्राम पंचायतों के हवाले कर देते हैं, इसकी रख-रखाव की जिम्मेदारी का दायित्व ग्राम पंचायत का बन जाता है। चूंकि स्टॉप डेम वन परिक्षेत्र में है इसलिए वन विभाग का ही दायित्व बनता है, लेकिन वन विभाग के अधिकारी स्टॉप डेमों के रख-रखाव को लेकर कोई संतोषजनक जबाव नहीं दे रहे। वहीं इसकी स्थिति को लेकर भी उनके पास कोई जानकारी नहीं है।
बढ़ेगा जल स्तर, वन्य जीवों की बुझेगी प्यास
ग्रामीणों का कहना है कि बीते दो साल से यहां पर रोका जाने वाला पानी सीधा व्यर्थ बह जाता है। यदि यहां पर पानी रोका जाए तो भूमि जल स्तर भी बढ़ेगा और जंगली जानवरों की प्यास बुझाने का साधन बनेगा। ग्राम भदोरा एवं कटोरिया के बीच में जंगली नाला दतला पर जल संसाधन विभाग द्वारा स्टॉप डेम कम रिपटा बनाया गया था। निर्माण के दौरान यहां पर लोहे के गेट लगे हुए थे। निर्माण के बाद लगभग 2-3 साल यहां पर पानी रोका गया है। बताया गया है कि लगभग 3 साल पहले यहां लगे लोहे के गेट वन विभाग द्वारा कहीं रखवा दिए।
इनका कहना है
बरहटा वन परिक्षेत्र में बरसाती एवं अन्य नदी नालों पर कितने स्टापडेम हैं, मुझे इसकी जानकारी नहीं है। दतला नाला के रखरखाव की जबावदारी सिलवानी पंचायत की है, इस संबंध में पंचायत को पत्र लिखा था, लेकिन राशि उपलब्ध नहीं होने से गेट नहीं लगे।
आरएस खरे सहायक वन अधिकारी, बरहटा