अब मजदूरों का रजिस्ट्रेशन करवाना होगा अनिवार्य

अब मजदूरों का रजिस्ट्रेशन करवाना होगा अनिवार्य

Bhaskar Hindi
Update: 2018-02-24 08:20 GMT
अब मजदूरों का रजिस्ट्रेशन करवाना होगा अनिवार्य

डिजिटल डे्स्क,मुंबई। सरकारी ठेका लेने वाले कांट्रेक्टरों को अब अपने यहां काम कर रहे मजदूरों का रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य किया गया है। बता दें राज्य सरकार की तरफ से विभिन्न कामों का सरकारी ठेका लेने वाले कांट्रेक्टरों के पास सैैकड़ों मजदूर काम करते हैं इन मजदूरों का रजिस्ट्रेशन होने से उन्हें कई लाभ होंगे। ठेकेदारों को महाराष्ट्र इमारत व अन्य निर्माणकार्य कामगार मंडल (कंस्ट्रक्शन वर्कर वेलफेयर बोर्ड) के पास रजिस्ट्रेशन करना होगा। इससे मजदूरों को मंडल की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। प्रदेश के श्रम मंत्री संभाजी पाटील-निलंगेकर ने यह जानकारी दी। निलंगेकर ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस बारे में निर्देश दिए हैं। इसलिए श्रम विभाग की तरफ से जल्द ही इस आशय का परिपत्र जारी किया जाएगा।  मुख्यमंत्री ने सरकारी आवास वर्षा पर कामगार मंडल की तरफ से मजदूरों के रजिस्ट्रेशन के लिए शुरू किए गए विशेष अभियान का शुभारंभ किया। इस दौरान वेबकास्ट के द्वारा नागपुर के ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले और अमरावती से पर्यावरण राज्य मंत्री प्रवीण पोटे-पाटील जुड़े थे। 23 मार्च तक चलने वाले इस विशेष अभियान को अटल विश्वकर्मा सम्मान योजना नाम दिया गया है। 

28 योजनाओं का लाभ 
निलंगेकर ने कहा कि रजिस्ट्रेशन कराने वाले मजदूरों को मंडल की विभिन्न 28 योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। इसमें मध्यान्ह भोजन की भी व्यवस्था होगी। उन्होंने बताया कि राज्य में दिसंबर 2017 तक 6.93 लाख मजदूरों का रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है। मंडल के माध्यम से 5.35 लाख मजदूरों को 243 करोड़ रुपए का लाभ दिया गया है। 

25 रुपए में होगा रजिस्ट्रेशन
राज्य अतिथिगृह सह्याद्री में पत्रकारों से बातचीत में मंत्री निलंगेकर ने कहा कि विशेष अभियान के तहत 25 लाख नए मजदूरों का रजिस्ट्रेशन करने का लक्ष्य रखा गया है। मजदूर 25 रुपए रजिस्ट्रेशन  फीस देकर मंडल में पंजीयन करा सकेंगे। उन्हें मासिक शुल्क के रूप में पांच साल के लिए 60 रुपए देना पड़ेगा। यह रजिस्ट्रेशन पांच साल तक वैध माना जाएगा। मजदूरों के रजिस्ट्रेशन के लिए राज्य भर में 96 केंद्र खोले जाएंगे। इसमें नागपुर में 17, अमरावती में 6, औरंगाबाद में 10, नाशिक में 14, पुणे में 25 और मुंबई में 24 केंद्रों का समावेश होगा।


 

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