22 हजार करोड़ की वसूली के लिए विद्युत वितरण कंपनी का नया फॉर्मूला
22 हजार करोड़ की वसूली के लिए विद्युत वितरण कंपनी का नया फॉर्मूला
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड यानी एमएसईडीसीएल ने बकाएदारों से 22 हजार करोड़ रुपए का बिल वसूलने के लिए नया फॉर्मूला अपनाया है। जिससे उन्हें फायदा भी मिल रहा है। एमएसईडीसीएल बकाया वसूली के लिए जनप्रतिनिधियों से मदद ले रहा है। जिसके तहत जो भी जनप्रतिनिधि अपने इलाके में बिजली की समस्या लेकर आते हैं, उन्हें कहा जाता है कि अगर वो बकाया बिल भुगतान के लिए लोगों को प्रेरित करेंगे, तो मिले हुए अतिरिक्त पैसों से उन्हीं के इलाकों में बिजली से जुड़े सुधार किए जाएंगे।
वित्तीय संकट से जूझ रही कंपनी
गुरुवार को एमएसईडीसीएल के निदेशक विश्वास पाठक ने बताया कि कंपनी को फायदा मिल रहा है और जनप्रतिनिधि खुलकर उनकी मदद कर रहे हैं। ज्यादातर बकाया ग्रामीण इलाकों में किसानों के पास है। भुगतान न होने से कंपनी वित्तीय संकट से जूझ रही है। इसका सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है। क्योंकि बिजली से जुड़े ढांचागत सुधार अटके पड़े हैं। इसीलिए बकाएदारों को प्रोत्साहित करने के लिए यह नीति अपनाई गई है।
अगल-अलग फीडर बनाने की जरूरत
कृषि और घरेलू उपयोग में आने वाली बिजली के लिए अगल-अलग फीडर बनाने की जरूरत है। लेकिन निधि के अभाव में यह काम बेहद सुस्त है। पाठक ने कहा कि फीडर अलग होने के बाद ग्रामीण इलाकों में भी लोडशेडिंग खत्म हो जाएगी। जबकि कृषि पंप के लिए रोजाना कम से कम आठ घंटे बिजली मुहैया कराई जाएगी।
नागपुर में बेहद सफल रही डिस्ट्रिब्यूशन फ्रेंचाइजी
पाठक के मुताबिक बिजली वितरण के लिए फ्रेचाइजी का इस्तेमाल नागपुर और भिवंडी में बेहद सफल रहा। औरंगाबाद में इसे लेकर समस्या का सामना करना पड़ा है। क्योंकि जिस कंपनी को फ्रेंचाइजी मिली थी, उसे इस क्षेत्र का अनुभव नहीं था। इसीलिए अब फ्रेंचाइजी देते वक्त अनुभवी कंपनियों को प्राथमिकता दी जाएगी। जलगांव, औरंगाबाद, मुंब्रा-कलवा और धुले में जल्द ही फ्रेंचाइजी नियुक्त करने की योजना है।