मुआवजा न मिलने की शिकायत पर विधायक ने दी पटवारी को थप्पड़ मारने की सलाह

मुआवजा न मिलने की शिकायत पर विधायक ने दी पटवारी को थप्पड़ मारने की सलाह

Bhaskar Hindi
Update: 2020-12-23 12:46 GMT
मुआवजा न मिलने की शिकायत पर विधायक ने दी पटवारी को थप्पड़ मारने की सलाह

बकस्वाहा क्षेत्र के गढ़ीसेमरा के किसानों ने की पटवारी की शिकायत
डिजिटल डेस्क छतरपुर ।
बकस्वाहा क्षेत्र के गढ़ीसेमरा में किसानों को पीला मोजेक से खराब फसल का मुआवजा न मिलने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस मामले में किसानों की शिकायत के जवाब में बड़ामलहरा विधायक प्रद्युम्न लोधी ने सोमवार को पटवारी को थप्पड़ मारने की सलाह दे डाली। 
वहीं मंगलवार को उन्होंने कहा कि जब शिवराज सरकार किसानों की मदद के लिए तत्पर है तो निचले स्तर के कर्मचारियों के पिताजी का क्या जाता है। वे क्यों किसानों के मुआवजा वितरण में अड़चन बनते हैं। हालांकि भास्कर की पड़ताल में यह बात सामने आई है कि समूचे जिले में मुआवजा नहीं बंटा है। आगामी 15 दिनों में लगभग 45 करोड़ का मुआवजा किसानों के खातों में पहुंचने की बात भू अभिलेख विभाग द्वारा बताई गई है।
तहसीलदार को ज्ञापन देने जा रहे थे किसान, रास्ते में मिले विधायक
बकस्वाहा क्षेत्र के गढ़ीसेमरा गांव के किसानों ने खरीफ वर्ष 2020 में अल्पवृष्टि एवं कीट व्याधि के कारण नष्ट हुई उड़द, मूंग और सोयाबीन की फसलों का मुआवजा न मिलने पर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देने तहसीलदार के पास जा रहे थे। इसी दौरान बकस्वाहा बस स्टैंड पर विधायक प्रद्युम्न लोधी को देखकर ग्रामीणों ने अपनी समस्या बताई। ग्रामीणों ने बताया कि उनकी फसलों को 70 से 80 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है। लेकिन पूर्व पटवारी गणेश ने सर्वे में लापरवाही कर दी। इससे उन्हें मुआवजा सही नहीं मिल पाया है। ग्रामीणों ने बताया कि इसके पूर्व में भी गढ़ीसेमरा गांव के किसानों की उड़द की गिरदावरी शून्य कर दी गई थी। जिसका विरोध करने पर प्रशासन ने पुन: सर्वे कराकर उड़द की गिरदावरी सही करवाई थी। अब एक बार फिर गांव के लोगों के साथ अन्याय किया जा रहा है। इसी बात पर विधायक ने पटवारी को थप्पड़ मारने की बात ग्रामीणों से कही।
पटवारियों की चेतावनी- माफी मांगे विधायक
इधर बड़ामलहरा विधायक के इन बयानों के खिलाफ बकस्वाहा के पटवारी भी लामबंद हो गए हैं। मंगलवार को पटवारियों ने बिजावर एसडीएम को ज्ञापन देते हुए कहा कि विधायक की इस तरह की भाषा का पटवारी संघ बकस्वाहा विरोध करता है। उनके इस तरह की भाषा का प्रयोग करने से पटवारियों के साथ घटनाएं होती हैं। इस कारण फील्ड के कर्मचारी काम करने में असमर्थ और भयभीत हैं। मसलन मड़देवरा के पटवारी के साथ हुई घटना में बकस्वाहा पुलिस ने आरोपियों पर ठोस कार्रवाई नहीं की है। पटवारियों ने अल्टीमेटम दिया है कि विधायक अपना बयान वासप लें अन्यथा सभी पटवारी तीन दिवस बाद सामूहिक रूप से बस्ताबंद हड़ताल पर चले जाएंगे। ज्ञापन की प्रतिलिपि पटवारी संघ के जिलाध्यक्ष को भी भेजी गई है।
पटवारी बोले- सर्वे में कमी नहीं
पीला मोजेक से नुकसान के मामले में गढ़ीसेमरा के पूर्व पटवारी गणेश लोधी का कहना है कि उनका तबादला सितंबर में हो गया था। उनके बाद पटवारी के रूप में सरला पदस्थ हो गई थीं। वहीं पटवारी सरला का कहना है कि उनके द्वारा सर्वे में कोई कमी नहीं रखी गई है। लेकिन ब्लाक में किसी भी किसान के खाते में फिलहाल राशि नहीं आई है। ये मामला एक गांव का नहीं है। इस मामले में अधीक्षक भू अभिलेख आदित्य सोनकिया ने बताया कि खरीफ की फसल में हुए नुकसान का मुआवजा वितरण समूचे जिले में आगामी 15 दिन के भीतर किया जाना है। उन्होंने बताया कि फिलहाल पटवारी द्वारा पूर्व में फीड की गई जानकारी के आधार पर बिल बनाए जा रहे हैं। जिले में लगभग 60 हजार हैक्टेयर फसल को नुकसान हुआ था। इसमें लगभग 45 करोड़ की राशि का मुआवजा वितरण किया जाना है। 
जिन किसानों को मुआवजा मिलना है, उनकी संख्या भी 50 हजार के आसपास है। 
एसएलआर ने बताया कि जिले में फिलहाल किसी ब्लाक में मुआवजा वितरण नहीं हुआ है, लेकिन जल्द यह काम प्रारंभ हो जाएगा। गढ़ीसेमरा में फसल को नुकसान पीला मोजेके नामक बीमारी से पहुंचा है। ओलावृष्टि से नुकसान होने पर समूचे गांव को मुआवजा मिलता है, लेकिन पीला मोजेक की स्थिति में यह संभव है कि कुछ खेतों में नुकसान हुआ हो और कुछ को नुकसान न पहुंचा हो। ऐसे में पीला मोजेक से नुकसान पर पटवारी द्वारा पूर्व में की गई फीडिंग के आधार पर ही मुआवजा तय होगा।
विधायक ने दो वीडियो में पटवारियों पर किए कमेंट 
बड़ामलहरा विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी व गढ़ीसेमरा गांव के ग्रामीणों का एक सोमवार का वीडियो सामने आया है। इसमें खरीफ 2020 के मुआवजा में पटवारी द्वारा गड़बड़ी करने की ग्रामीण विधायक से शिकायत करते हैं, तो वे उन्हें पटवारी को थप्पड़ मारने की सलाह देते नजर आ रहे हैं। वहीं, पटवारी को थप्पड़ मारने के वीडियो पर जब विधायक से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सरकार व मुख्यमंत्री बार-बार कह रहे हैं कि किसानों की जो फसल खराब हुई है, उसका मुआवजा सरकार देगी। जब सरकार पैसा देने को तैयार है, तो निचले कर्मचारी के पिता जी का पैसा नहीं लगना है, सरकार का पैसा लगना है। बहुत सारे निचले कर्मचारी हैं, जो हठधर्मिता से काम करते हैं, किसानों के लिए काम नहीं करते हैं। जब भी ऐसी बातें सामने आती है, तो पीड़ा व गुस्सा में इस प्रकार के शब्द निकलते हैं।

Tags:    

Similar News