सास्वत मानवीय जीवन के लिए वरदान है मास्क "कोरोना संक्रमण" बिना मास्क पहनने पर रोकें और टोकें
सास्वत मानवीय जीवन के लिए वरदान है मास्क "कोरोना संक्रमण" बिना मास्क पहनने पर रोकें और टोकें
डिजिटल डेस्क, छतरपुर। वर्तमान समय में कोरोना संक्रमण की विश्वव्यापी महामारी से मानवीय जीवन सुरक्षित रखने और खुद को सुरक्षित करने के लिए एहतियाती उपाय बरतना और बेहद सावधानी से रहते हुए सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का प्रयोग करना अनिवार्य हुआ है। जो लोग इसका पालन कर रहे हैं वह आज सुरक्षित हैं और जो इस संक्रमण को लापरवाही में ले रहे हैं उन्हें विषमताओं का सामना करना पड़ा है और ऐसे लापरवाह लोगों का मानवीय जीवन संकट में आ खड़ा होता है। इसलिए कोई भी व्यक्ति यह नहीं सोचे कि कोरोना से बचने के उपाय में जरा सी लापरवाही बरती जाए और बिना मास्क पहने तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करते हुए वह सुरक्षित रह सकेगा। इसीलिए इस भ्रम से खुद को दूर करें और समझदारी का परिचय देते हुए खुद के साथ-साथ परिवार और परिजनों का सामाजिक जीवन भी इस आपदा की घड़ी में सुरक्षित करने के लिए न सिर्फ खुद मास्क पहनें अपितु जो व्यक्ति मास्क नहीं पहन रहे हैं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं उन्हें विनम्रता से रोकें और टोकें तथा मास्क पहनकर ही सामाजिक जीवन यापन करने की सलाह दें। यह कार्य समाज के हर व्यक्ति की सामाजिक जिम्मेवारी है और मानवीय जीवन को सुरक्षित करने के लिए सामाजिक फर्ज भी है। इसीलिए जिम्मेवारी से सामाजिक फर्ज निभाएं। इस संक्रमण को किसी भी स्थिति में मजाक नहीं समझें। कोरोना आदर्श शत्रु है जो निःशब्द होकर हमलावर होता है और हमारे मानवीय जीवन के लिए संकट बना है। चाहे हो बच्चे, बूढ़े और जवान कोरोना संक्रमण से बचाव में वरदान और महान है मास्क।