चुनाव की जानकारी जुटाने में मनपा प्रशासन के छूट रहे पसीने

नागपुर चुनाव की जानकारी जुटाने में मनपा प्रशासन के छूट रहे पसीने

Bhaskar Hindi
Update: 2023-01-15 11:40 GMT
चुनाव की जानकारी जुटाने में मनपा प्रशासन के छूट रहे पसीने

डिजिटल डेस्क, नागपुर. राज्य निर्वाचन आयोग ने मनपा के वर्ष 2012 और 2017 में हुए चुनाव की विस्तृत रिपोर्ट मनपा प्रशासन से मांगी है। दो टर्म के चुनाव की जानकारी जुटाने में मनपा प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं। साल 2017 के चुनाव ऑनलाइन जानकारी मनपा के पास उपलब्ध हैं। साल 2012 के चुनाव हुए, उस समय मनपा का कामकाज ऑनलाइन नहीं होने से मैन्यूअल जानकारी जुटाने में परेशानी हो रही है।

गोपनीय तरीके से जुटाई जा रही जानकारी

निर्वाचन आयोग ने साल 2012 और 2017 में हुए मनपा चुनाव की विस्तृत जानकारी मांगने से मनपा प्रशासन गोपनीय तरीके से जानकारी जुटाने में लगा है। दोनों चुनाव की तिथि, प्रभाग संख्या, सदस्य संख्या, भरे गए नामांकन, पड़ताल में अस्वीकृत नामांकन, उम्मीदवार की गुनाहगारी पृष्ठभूमि, उम्मीदवार की संपत्ति, व्यवसाय, शैक्षणिक पात्रता, किस पार्टी के कितने उम्मीदवार, उनमें से कितने निर्वाचित हुए, पार्टी निहाय उम्मीदवारों को प्राप्त मतदान, आरक्षण निहाय निर्वाचित सदस्य, कौन सा उम्मीदवार कितने बार निर्वाचित हुआ, सभी उम्मीदवारों की पार्टी निहाय मतदान का प्रतिशत आदि जानकारी निर्वाचन आयोग ने मांगी है।

मनपा चुनाव के संकेत

निर्वाचन आयोग द्वारा जानकारी मांगने से निकट भविष्य में जल्द चुनाव कराने के संकेत माने जा रहे हैं। मनपा सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होकर प्रशासन नियुक्ति को आने वाले 5 मार्च को एक साल होने जा रहा है। निर्वाचन आयोग की गतिविधियां शुरू होने से चुनाव कराने की संभावना तलाशने के प्रशासन में कयास लगाए जा रहे हैं।

3 सदस्यीय प्रभाग रचना तैयार

5 मार्च 2022 को मनपा सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हुआ। कोरोना के प्रादुर्भाव से कार्यकाल समाप्त होने के पहले चुनाव नहीं हो सके। उसके बाद ओबीसी आरक्षण का पेंच फंस गया। अदालत ने फैसला सुनाने पर मसला हल हो गया। ओबीसी आरक्षण निश्चित किया गया। तत्कालीन सरकार के निर्देश पर 3 सदस्यीय प्रभाग रचना तैयार की गई। निर्वाचन आयोग को रिपोर्ट भी भेज दी। राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद शिंदे-फडणवीस सरकार ने तत्कालीन सरकार के 3 सदस्यीय प्रभाग रचना को पलट कर 4 सदस्यीय प्रभाग रचना से चुनाव कराने का फैसला लिया। उसे अदालत में चुनौती देने पर चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाई गई। उसके बाद चुनाव प्रक्रिया ठंडे बस्ते में चली गई। अब निर्वाचन आयोग ने गत दो टर्म की जानकारी मांगने से चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। बहरहाल चुनाव 3 सदस्यीय प्रभाग रचना के आधार पर होंगे या 4 सदस्यों का प्रभाग रहेगा, स्थिति साफ नहीं है।

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