पीएमजीएसवाई के कार्यान्वयन में मंडी देश के शीर्ष 30 ज़िलों में प्रथम
पीएमजीएसवाई के कार्यान्वयन में मंडी देश के शीर्ष 30 ज़िलों में प्रथम
डिजिटल डेस्क, शिमला। पीएमजीएसवाई के कार्यान्वयन में मंडी देश के शीर्ष 30 ज़िलों में प्रथम ऽ सड़क निर्माण में राष्ट्रीय स्तर पर हिमाचल प्रदेश को हासिल हुआ दूसरा स्थान मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के कार्यान्वयन में मंडी जिला को शीर्ष 30 जिलों में पहला स्थान मिलने और सड़क निर्माण में राष्ट्रीय स्तर पर हिमाचल प्रदेश को दूसरा स्थान हासिल होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए लोक निर्माण विभाग को बधाई दी है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने आज वर्ष 2020 -21 में प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के कार्यान्वयन में देश के 30 शीर्ष जिलों की सूची घोषित की। हिमाचल प्रदेश का मंडी जिला अधिकतम किलोमीटर सड़क बनाने वाले सर्वोत्तम जिलों में पहले स्थान पर रहा है। इसी प्रकार, प्रदेश के चम्बा, शिमला, काँगड़ा, ऊना, सिरमौर, हमीरपुर व सोलन जिलों का प्रदर्शन भी राष्ट्रीय स्तर पर पहले 30 जिलों में रहा है। 20 वर्ष पूर्व पीएमजीएसवाई के शुरू होने के बाद हिमाचल प्रदेश ने इस वर्ष अपै्रल माह से लेकर अभी तक 1104 किलोमीटर सड़कों का निर्माण करते हुए बेहतर प्रदर्शन किया है। जय राम ठाकुर ने आशा व्यक्त की है कि विभाग आने वाले समय में इस कार्य प्रगति को बनाये रखने के लिए भरसक प्रयत्न करेगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि सभी कार्यों को समय से पूर्ण करने में सरकार की ओर से हर संभव सहयोग प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि के लिए लोक निर्माण विभाग के अधिकारी व कर्मचारी बधाई के पात्र हैं क्योंकि कोविड-19 महामारी और प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों के बावजूद प्रदेश ने यह उपलब्धि हासिल की है। उन्होनंे निरंतर निगरानी व प्रोत्साहन देने के लिए प्रधान सचिव लोक निर्माण जे.सी. शर्मा के प्रयासों की भी सराहना की। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित की जा रही पीएमजीएसवाई के अंतर्गत प्रदेश में 250 से अधिक जनसंख्या वाली बस्तियों को सड़कों से जोड़ने का लक्ष्य है। पीएमजीएसवाई के अंतर्गत सड़क निर्माण में राष्ट्रीय स्तर पर जम्मू एवं कश्मीर पहले स्थान पर, हिमाचल प्रदेश दूसरे एवं उत्तराखंड तीसरे स्थान पर रहा है। कोविड-19 महामारी के चलते मजदूरों की कमी से सभी सड़क कार्य बुरी तरह प्रभावित हुए। मजदूरों की उपलब्धता सुनिश्चित बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने उचित कदम उठाए और सचिव स्तर पर की गई नियमित निगरानी के कारण निर्माण कार्य फिर आरम्भ हुए जिससे विभाग ने संतोषजनक उपलब्धि हासिल की।