सरकार के रोजगार एप में बदलाव के लिए जारी होगा शासनादेश, निजी कंपनियों को नौकरी देने के लिए देनी होगी प्राथमिकता  

विधान परिषद सरकार के रोजगार एप में बदलाव के लिए जारी होगा शासनादेश, निजी कंपनियों को नौकरी देने के लिए देनी होगी प्राथमिकता  

Bhaskar Hindi
Update: 2023-03-15 15:40 GMT
सरकार के रोजगार एप में बदलाव के लिए जारी होगा शासनादेश, निजी कंपनियों को नौकरी देने के लिए देनी होगी प्राथमिकता  

डिजिटल डेस्क, मुंबई. प्रदेश सरकार सरकारी रोजगार एप में बदलाव करने के लिए नया शासनादेश जारी करेगी। इससे राज्य की निजी कंपनियों को सरकारी एप पर पंजीयन करने वाले अभ्यर्थियों को रोजगार देने के लिए प्राथमिकता देना पड़ेगा। बुधवार को विधान परिषद में राज्य के कौशल्य, रोजगार, उद्यमिता व नवाचार मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने यह जानकारी दी। सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए कांग्रेस सदस्य अभिजीत वंजारी ने राज्य में बेरोजगारी भत्ता शुरू करने का मुद्दा उठाया था। 

इस पर मंत्री लोढ़ा ने कहा कि विश्व में सबसे अच्छा रोजगार पोर्टल जर्मनी का है। जर्मनी में किसी भी कंपनी को कर्मचारियों की जरूरत होती है तो संबंधित कंपनी सरकार के पोर्टल पर पंजीकृत अभ्यर्थियों को अनिवार्य रूप से रोजगार देती है। महाराष्ट्र में इस तरह का नियम है लेकिन कोई कंपनी उसका पालन नहीं करती है। इसलिए सरकार एप में बदलाव करेगी। लोढ़ा ने कहा कि राज्य की 419 आईटीआई के नवीनीकरण पर1 हजार 200 करोड़खर्च किया जा रहा है। इसके आईटीआई में नया लैब, क्लास रूम सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराए जा रहे हैं। आईटीआई के पाठ्यक्रमों का रिडिजाइन किया जा रहा है। लोढ़ा ने कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार के समय केंद्र सरकार ने आईटीआई के नवीनीकरण के लिए 800 करोड़ रुपए भेजा था। लेकिन महाविकास आघाड़ी सरकार ने ढ़ाई साल तक एक भी पैसा खर्च नहीं किया। अब राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की राशि में 400 करोड़ रुपए जोड़कर आईटीआई का नवीनीकरण शुरू किया है।

इसके अलावा राज्य के 163 कॉलेजों में स्किल सेंटर बनाए गए हैं। लोढ़ा ने कहा कि राज्य में जून महीने तक 500 ग्रामीण स्किल सेंटर शुरू किए जाएंगे। ग्रामीण स्किल सेंटर में कृषि आधारित कोर्स पढ़ाया जाएगा। लोढ़ा ने कहा कि सरकार ने 200 करोड़ रुपए का नवाचार फंड लांच किया है। इसके तहत 20 प्रतिशत फंड आईटीआई के विद्यार्थियों और 20 प्रतिशत फंड महिलाओं को प्रदान किया जाएगा। लोढ़ा ने कहा कि राज्य के हर विधानसभा क्षेत्र में रोजगार मेला आयोजित करने के लिए पहले 60 हजार रुपए दिए जाते थे। लेकिन अब सरकार ने 60 हजार रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए देने का फैसला किया है। लोढ़ा ने बताया कि राज्य में 457 रोजगार मेला के जरिए 48 हजार 641 अभ्यर्थियों को रोजगार दिया जा चुका है। 

बेरोजगारी भत्ता पर मंत्रिमंडल में चर्चा करेंगे

लोढ़ा ने कहा कि राज्य में बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने के बारे में सरकार के पास कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। फिर भी मैं राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में बेरोजगारी भत्ता के बारे में चर्चा करूंगा। इसके बाद बेरोजगारी भत्ता के संबंध में उचित प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। लोढ़ा ने बताया कि एक अनुमान के मुताबिक राज्य में केवल महिलाओं को बेरोजगारी भत्ता देने पर प्रतिवर्ष सरकार की तिजोरी पर 2 हजार करोड़ रुपए का भार पड़ सकता है। पंजाब में बेरोजगारी भत्ता पर 9 हजार करोड़ रुपए खर्च होता है। 

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