राहुल के आरोपों पर मलैया का पलटवार... अपनी हार के लिए स्वयं जिम्मेदार, बीजेपी नहीं हारी, जनता ने उन्हें हराया
राहुल के आरोपों पर मलैया का पलटवार... अपनी हार के लिए स्वयं जिम्मेदार, बीजेपी नहीं हारी, जनता ने उन्हें हराया
आरोप-प्रत्यारोप - दमोह उपचुनाव में हार को लेकर भाजपा में कलह
डिजिटल डेस्क दमोह । दमोह विधानसभा (55) उपचुनाव में भाजपा की हार के बाद हाहाकार शुरू हो गया है। भाजपा प्रत्याशी राहुल सिंह ने हार के बाद बिना समीक्षा किए सीधे पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री जयंत मलैया पर जिस तरह से आरोप लगाते हुए उन्हें हार का जिम्मेदार बताया। उसके बाद अब जयंत मलैया ने राहुल की बात पर पलटवार किया है। उन्होंने स्पष्ट कहा, मुझे किसी को सफाई देने की जरूरत नहीं है। पार्टी पूछती है तो अपना पक्ष जरूर रखूंगा। दरसअल, 17,097 मतों से बड़ी हार के बाद राहुल सिंह बौखलाए नजर आए थे और उन्होंने स्पष्ट रूप से हार का दोषी जयंत मलैया व उनके परिवार को बताया था। साथ ही कहा था कि उनकी रणनीति काम कर गई, मैं हार गया। राहुल के इस बयान के बाद बीजेपी में हाहाकार मच गया। मामले में सोमवार को जयंत मलैया ने अपने निवास पर राहुल के आरोपों के जवाब बेबाकी से दिए। पूर्व मंत्री जयंत मलैया ने कहा, इस चुनाव में जनमानस पूरी तरह से राहुल सिंह लोधी के विरोध में था। यह कह देने से कि स्टार प्रचारक रहे हैं, मंत्री रहे हैं और अपना वार्ड हार गए। यहां शहर में कोई वार्ड जीते भी हैं क्या?, देहात में भी हारे हैं। 17 हजार की हार बड़ी हार होती है। कोई हरा नहीं सकता। पांच सौ-हजार वोट से तो समझ में आता है, 17 हजार वोट से अगर कोई हरा सकता है तो सिर्फ जनता। जनता राहुल लोधी के खिलाफ में थी। भाजपा के खिलाफ नहीं थी। जनता भाजपा उम्मीदवार राहुल लोधी के खिलाफ उनके दल बदल सहित अन्य कारणों के कारण थी।
हम सॉफ्ट टॉरगेट: जयंत
उन्होंने कहा, शहर में भाजपा के बहुत नेता हैं, हम रहते हैं, सांसद प्रहलाद पटेल भी रहते हैं, जिलाध्यक्ष, पूर्व नपाध्यक्ष, मंडल अध्यक्षों और संगठन पदाधिकारियों के घर भी शहर में हैं। वहां से भी तो हारे हैं। सोची समझी साजिश के तहत राहुल ने मेरा नाम लिया है। उन्होंने सोचा कि हम सॉफ्ट टॉरगेट हैं, किसी और का नाम लेने में तो तकलीफ भी हो सकती है। मेरा यह मानना है कि चुनाव वह अपने कारण से हारे हैं। मुझे जो बात कहनी होगी, पार्टी के समक्ष रखूंगा। मलैया ने कहा, जिस तरीके से 3 माह पूर्व जो पार्टी में आए और एक बड़ी हार बर्दाश्त नहीं कर पाए और आरोप लगा दिया, यह गलत है। आरोप लगाना तो आसान है, मुझे कोई सफाई नहीं देना है और न किसी को सर्टिफिकेट देने की जरूरत है, लेकिन यह ठीक बात नहीं है और करते हैं तो परिणाम भुगतने तैयार रहें। उन्होंने कहा, पार्टी जो मुझसे पूछेगी, उसका जवाब दिया जाएगा।
मैने कभी आरोप नहीं लगाया
जयंत मलैया ने कहा चुनाव होता है, कोई जीतता है कोई हारता है। अगर हम हार जाए तो मेरा मानना है स्वीकार करना चाहिए। जीत जाए तो उबराना नहीं चाहिए। मैं भी 7 चुनाव जीतने के बाद पिछला चुनाव हार गया था। उस समय मेरे पास कारण था कि डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया खड़े हो गए, जिन्हें 1100 से ज्यादा मत मिल गए, जो हार का कारण बने। लेकिन मैने फिर भी किसी से नहीं कहा और 790 मतों की हार को स्वीकार किया। मैं भी आरोप लगा सकता था। मेरे पास भी कारण थे।