महाराष्ट्र : भाजपा के पराग शाह हैं सबसे रईस उम्मीदवार, 29 फीसद उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले
महाराष्ट्र : भाजपा के पराग शाह हैं सबसे रईस उम्मीदवार, 29 फीसद उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपना भाग्य आजमा रहे विभिन्न पार्टियों के 29 फीसद उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले चल रहे हैं तो 19 फीसद उम्मीदवार गंभीर आपराधिक मुकदमों का सामना कर रहे हैं। इस चुनाव में 1,007 उम्मीदवार करोड़पति हैं। घाटकोपर पूर्व सीट से भाजपा टिकट पर चुनाव लड़ रहे पराग शाह सबसे रईस उम्मीदवार हैं। इसका खुलासा महाराष्ट्र इलेक्शन वॉच (एमईडब्ल्यू) और एडीआर की ओर से जारी रिपोर्ट में हुआ है। महाराष्ट्र इलेक्शन वॉच के मुताबिक रिपोर्ट तैयार होते वक्त चुनाव आयोग की वेबसाइट पर 125 उम्मीदवारों के हलफनामे उपलब्ध नहीं थे। लिहाजा इस रिपोर्ट में प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ रहे कुल 3,237 उम्मीदवारों में से 3,112 उम्मीदवारों द्वारा दिए गए शपथपत्र के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है। इसके मुताबिक विश्लेषण किए गए 3,112 उम्मीदवारों में से 32 फीसद (1,007) उम्मीदवार करोड़पति हैं। वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में 47 फीसद करोड़पति उम्मीदवार थे।
मंगलप्रभात लाेढ़ा हैं दूसरे रईस उम्मीदवार
2019 के चुनाव में सबसे रईस उम्मीदवार भाजपा के पराग शाह है। शाह ने अपनी कुल संपत्ति 500 करोड़ से ज्यादा बताई है। इसके बाद मालाबार हिल से भाजपा उम्मीदवार मंगलप्रभात लोढ़ा का नंबर है जिन्होने अपनी कुल संपत्ति 442 करोड़ दिखाई है। इस मामले में नंबर तीन पर हैं पुरंदर सीट से कांग्रेस उम्मीदवार संंजय जगताप, जिनकी संपत्ति 245 करोड़ हैं।
श्रीवेंकटेश्वर स्वामी हैं सबसे गरीब उम्मीदवार
अक्कलकोट सीट से एचजेपी के उम्मीदवार श्रीवेंकटेश्वरर स्वामी जी इस चुनाव में सबसे गरीब उम्मीदवार हैं। उन्होने अपनी संपत्ति महज नौ रूपये दिखाई है। इसी प्रकार पिंपरी सीट से निर्दलीय उम्मीदवार मीनाताई खिलारे की संपत्ति सिर्फ 369 रूपये है तो औसा से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे आकाश पाटील के पास सिर्फ 426 रूपये है।
उम्मीदवारों की औसत संपत्ति है 4.21 करोड़
पार्टियों के हिसाब से करोड़पति उम्मीदवार देखें तो सबसे ज्यादा 155 करोड़पति उम्मीदवार भाजपा के हैं तो 126 करोड़पति उम्मीदवार कांग्रेस के, 116 करोड़पति उम्मीदवार शिवसेना के और 101 करोड़पति उम्मीदवार राकांपा के हैं। महाराष्ट्र में इस बार उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 4.21 करोड़ है, जबकि 2014 के विधानसभा चुनाव में यह औसत 4.65 करोड़ थी।
600 उम्मीदवारों के खिलाफ हैं गंभीर आपराधिक मामले
रिपोर्ट के मुताबिक 3,112 उम्मीदवारों में से 916 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले लंबित होने की बात कही है जो लगभग 29 फीसद होता है। इसी प्रकार गंभीर आपराधिक मामले वाले प्रत्याशियों की संख्या 600 है। मतलब 19 फीसद उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले चल रहे हैं। पार्टीगत हिसाब से देखें तो भाजपा के 59 फीसद उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले तो 36 फीसद उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले हैं। कांग्रेस के 57 फीसद उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले तो 30 फीसद उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले चल रहे हैं। इसी प्रकार शिवसेना के 61 फीसद उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले और 48 फीसद उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले हैं। जहां तक राकांपा का सवाल है तो उनके उम्मीदवारों में ये मामले क्रमश: 63 फीसद और 35 फीसद है।
कई उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर मामले दर्ज
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव मैदान में उतरे 29 प्रतिशत उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं। इनमें से 19 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर मामले दर्ज हैं। महाराष्ट्र इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। एडीआर ने विधानसभा के 3237 उम्मीदवारों में से 3112 उम्मीदवारों के चुनावी हलफनामे का अध्ययन किया है। इन 3112 उम्मीदवारों में से 916 उम्मीदवार यानि 29 प्रतिशत आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं। जबकि 125 उम्मीदवारों के शपथपत्र चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अधूरा अपलोड होने के कारण इसका अध्ययन नहीं किया जा सका है। रिपोर्ट के मुताबिक 3112 उम्मीदवारों में से 67 उम्मीदवारों के खिलाफ महिला अत्याचार से जुड़े मामले दर्ज हैं। जिनमें से 4 प्रत्याशियों के खिलाफ रेप के मामले चल रहे हैं। जबकि 19 उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज है। 60 उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज है। हालांकि साल 2014 के विधानसभा चुनाव की तुलना में इस चुनाव में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों के प्रतिशत में कमी आई है। एडीआर की ओर से विश्लेषित किए गए 3112 उम्मीदवारों में शिवसेना के सबसे अधिक 124 में से 59 यानी 48 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर मामले दर्ज हैं। जबकि भाजपा के 162 उम्मीदवारों में से 59 यानी 36 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर मामले दाखिल हैं। वहीं कांग्रेस के 147 उम्मीदवारों में से 44 यानी 30 प्रतिशत और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 116 उम्मीदवारों में से 40 प्रतिशत यानी 35 प्रतिशत, मनसे के 99 उम्मीदवारों में से 34 उम्मीदवार यानी 34 प्रतिशत, बहुजन समाज पार्टी के 246 उम्मीदवारों में से 41 उम्मीदवार यानी 17 प्रतिशत और निर्दलीय 1359 उम्मीदवारों में से 193 यानी 14 प्रतिशत निर्दलियों के खिलाफ गंभीर मामले दर्ज हैं।