महाकाल मंदिर: उज्जैन की तर्ज पर होती है भस्म आरती

छिंदवाड़ा महाकाल मंदिर: उज्जैन की तर्ज पर होती है भस्म आरती

Bhaskar Hindi
Update: 2022-08-01 13:14 GMT
महाकाल मंदिर: उज्जैन की तर्ज पर होती है भस्म आरती

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। उज्जैन में भगवान महाकाल विराजमान हैं। उनका ही एक स्वरूप छिंदवाड़ा शहर में भी है। यहां भी उज्जैन की तर्ज पर बाबा महाकाल की भस्म आरती होती है। हर सोमवार को चिता की भस्म बाबा महाकाल को अर्पित की जाती है। भस्म आरती देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। पूरे श्रावण माह यहां पर अखंड रामायण पाठ जारी रहता है। हर दिन भगवान महाकाल का विशेष श्रृंगार किया जा रहा है।
 शहर में मोक्षधाम मार्ग पर स्थित महाकाल मंदिर के प्रति श्रद्धालुओं में अटूट आस्था है। वर्ष भर यहां पर पूजन-अनुष्ठान का क्रम जारी रहता है। खासकर महाशिवरात्रि पर यहां पर लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। श्री महाकाल मारुतिनंदन सेवा समिति के अध्यक्ष बबलू पांडे बताते हैं कि महाकाल मंदिर का निर्माण ९० के दशक में शुरुआती वर्षों में हुआ। श्रद्धालुओं के सहयोग से मंदिर का लगातार विकास होता गया। लगभग एक वर्ष पूर्व मंदिर का जीर्णोद्धार कर मंदिर को भव्य रूप दिया गया।
हर सोमवार को होती है भस्म आरती:-
बबलू पांडे बताते हैं कि वर्ष भर हर सोमवार को यहां रात्रि ८ बजे भस्म आरती होती है। इस दिन मुर्दे की ताजी भस्म भगवान महाकाल को अर्पित की जाती है। मंदिर के पुजारी एवं समिति सदस्य मोक्षधाम में जाते हैं और विशेष पूजा-अर्चना कर पोटली में भस्म लाते हैं। इसके बाद बाबा महाकाल की भस्म आरती की जाती है।
श्रावण माह में भगवान मनमहेश की स्थापना:-
श्रावण माह में मंदिर में भगवान मनमहेश जी की स्थापना की गई है। प्रत्येक सोमवार को भगवान मनमहेश जी को छप्पन भोग अर्पित किए जाते हैं। राखी के एक दिन पहले १० अगस्त को भगवान मनमहेश जी की पालकी यात्रा नगर भ्रमण के लिए निकलेगी।
 

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