पहली बार... ७५ सौ रुपए पहुंचा लोहा, एक माह में प्रति क्विंटल डेढ़ हजार रुपए से ज्यादा का इजाफा
छिंदवाड़ा पहली बार... ७५ सौ रुपए पहुंचा लोहा, एक माह में प्रति क्विंटल डेढ़ हजार रुपए से ज्यादा का इजाफा
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। यदि आप अपने सपनों का घर बनाने की तैयारी में हैं तो जरा अपने एस्टीमेट को अपडेट कर लें। वजह लोहे के दाम आसमान पर पहुंच रहे हैं। लोहा ७५ सौ रुपए प्रति क्विंटल पहुंच गया है। यह पहला मौका है जब लोहे के दाम इतने बढ़े हैं। १५ दिन पहले लोहा ६३-६४ सौ रुपए प्रति क्विंटल था। जबकि महीने भर पहले ५८-५९ सौ रुपए प्रति क्विंटल के भाव थे। यानी एक माह में करीब १७ सौ रुपए तक का इजाफा बताया जा रहा है। अचानक बढ़े दाम ने खुद लोहे के व्यापारियों को हैरान कर दिया है। वहीं इसका असर जारी निजी व सरकारी निर्माण कार्यों पर भी पड़ रहा है।
वजह... कोयला और रॉ मटेरियल की शार्टेज:
लोहे के दाम में अचानक बड़े उछाल के पीछे व्यापारी और सरिया बनाने वाली कंपनियां कोयला और रॉ मटेरियल के शार्टेज बता रही है। जिले में लोहा छत्तीसगढ़ से आता है। वहां कोयले की कमी बताई जा रही है। हालांकि व्यापार से जुड़े लोग इसे कृत्रिम शॉर्टेज बता रहे हैं। उनके मुताबिक छत्तीसगढ़ से कोयला बाहर भेजा जा रहा है, फिर स्टील इंडस्ट्रीज में कैसे शार्टेज हो सकता है।
असर... तमाम निजी व सरकारी निर्माण पर:
निजी: जिले में प्राइवेट कॉलोनाइजर समेत एक अनुमान के मुताबिक दो हजार से ज्यादा मकानों का निर्माण चल रहा है। लोहे के दाम बढऩे का असर इन सभी पर पड़ रहा है। वहीं ननि से पास नक्शों के आधार पर सैकड़ों की संख्या में नए निजी भवनों का निर्माण शुरू होना है।
बीएलसी: प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बीएलसी के करीब ३ हजार मकानों का निर्माण होना है। निगम के सातवें डीपीआर में करीब १ हजार मकान बनना शेष है। जबकि आठवीं डीपीआर में करीब २ हजार मकानों का निर्माण कतार में हैं। ढाई लाख रुपए में इन मकानों को आकार देना कठिन हो जाएगा।
सरकारी: जिले में सिम्स, सिंचाई काम्प्लेक्स के अलावा सैकड़ों करोड़ के सरकारी भवनों के निर्माण चल रहे हैं। लोहे के दाम बढऩे पर इन भवनों, पुल-पुलियाओं के निर्माण पर भी असर पड़ रहा है। एस्टीमेट बिगड़ गया है, जिससे खासतौर पर छोटे ठेकेदार काम रोकने की स्थिति में आ गए हैं।
आगे क्या: और बढ़ेंगे दाम, डीजल-पेट्रोल भी डरा रहा:
१- लोहा कारोबार से जुड़े लोगों के मुताबिक अभी दाम और बढऩे की आशंकाएं जताई जा रही है। अभी ७४-७५ सौ रुपए प्रति क्विंटल के भाव हैं। कामधेनु सरिया तो साढ़े ७७ सौ रुपए प्रति क्विंटल के भाव में है। आगे छोटे ब्रांड ७७ सौ तक तो कामधेनु के ८ हजार रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंचने के आसार हैं।
२- जैसा कि आशंकाएं जताई जा रही है कि पांच राज्यों में चुनाव के परिणामों के बाद पेट्रोल-डीजल के दाम बढऩे वाले हैं। ऐसे में लोहा समेत सभी मटेरियल की ट्रांसपोर्टिंग महंगी हो जाएगी। स्वभाविक तौर पर लोहा सहित अन्य मटेरियल के दामों पर इसका असर पड़ेगा। अभी आसमान छू रहे लोहे के दाम और बढ़ सकते हैं।
इनका कहना है...
अभी डिमांड उतनी नहीं है फिर भी लोहे के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। दामों में इतना उछाल पहली बार आया है। स्टील कंपनियां दाम क्यों बढ़ा रही है, इसके ठोस कारण अब तक सामने नहीं आए हैं।
- नीलू शर्मा, लोहा व्यवसायी
लोहे में पहली बार इतना उछाल देखा जा रहा है। आगे भी संभावनाएं जताई जा रही है। स्वभाविक तौर पर बढ़े भावों का असर निर्माण कार्यों पर पड़ेगा।