गौरी ट्रेडर्स पर पड़ताल - जीएसटी की चोरी उजागर होने पर विभाग की कार्रवाई, दुकान सील

गौरी ट्रेडर्स पर पड़ताल - जीएसटी की चोरी उजागर होने पर विभाग की कार्रवाई, दुकान सील

Bhaskar Hindi
Update: 2021-01-08 12:14 GMT
गौरी ट्रेडर्स पर पड़ताल - जीएसटी की चोरी उजागर होने पर विभाग की कार्रवाई, दुकान सील

पंचायतों में सात करोड़ की साम्रगी सप्लाई की, लेकिन रिटर्न सिर्फ एक करोड़ का भरा
डिजिटल डेस्क  छतरपुर ।
जीएसटी की टीम ने गुरुवार को मेला ग्राउंड के समीप स्थित गौरी ट्रेडर्स में छापामार कर दुकान को सील कर दिया है। बताया जा रहा है कि स्टेट टैक्स आफिस को शिकायत मिली थी कि गौरी ट्रेडर्स के संचालक राजेंद्र सिंह तोमर द्वारा पंचायतों में निर्माण कार्य के लिए सीमेंट, लोहा सहित अन्य सामग्री की सप्लाई की गई है, लेकिन उनके द्वारा रिटर्न कम जमा किया गया है। उसी शिकायत के बाद गुरुवार को जीएसटी की टीम ने दुकान में छापा मारकर पड़ताल की। जीएसटी टीम प्रभारी जीएन शर्मा ने बताया कि प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई है कि गौरी ट्रेडर्स द्वारा अलग- अलग पंचायतों में 7 करोड़ रुपए की सामग्री का विक्रय किया गया है, लेकिन टैक्स सिर्फ एक करोड़ रुपए का ही जमा किया गया है। यानी लगभग 20 लाख रुपए की टैक्सी चोरी का अनुमान है, लेकिन दस्तावेजों की पड़ताल में यह ज्यादा भी हो सकता है।
नहीं मिली सामग्री
मेला ग्राउंड स्थित गौरी ट्रेडर्स में जब जीएसटी की टीम ने छापा मारा तो टीम को दुकान में कोई भी सामग्री नहीं मिली, लिहाजा यह माना जा रहा है ट्रेडर्स द्वारा पंचायतों में सामग्री सप्लाई की भी गई है या फिर बिल बस प्रस्तुत कर राशि निकालने का काम किया गया है। वहीं मौके पर जीएसटी टीम को कोई बिल बुक व लेन देन संबंधी दस्तावेज भी नहीं मिले हैं। 
टैैक्स चोरी का लंबा हो सकता है खुलासा
जीएसटी टीम के सदस्यों की माने तो गौरी ट्रेडर्स एक फोटोकापी की दुकान में संचालित हो रही है। टीम के सदस्यों का कहना है कि संचालक से लेन देन के दस्तावेज और बिल प्रस्तुत करने को कहा गया है। टीम का मानना है कि टैक्स चोरी का लंबा मामला निकल सकता है। लिहाजा दुकान को सील कर दिया गया है। 
बैंक डिटेल की जांच होगी
जीएसटी टीम प्रभारी जीएन शर्मा ने बताया कि गौरी ट्रेडर्स के बैंक स्टेटमेंट की जांच की जाएगी, तभी स्पष्ट हो पाएगा कि कितनी पंचायतों में कितनी राशि की सामग्री की सप्लाई की गई है और भुगतान कितनी राशि का किन-किन पंचायतों से किया गया है। गुरुवार को हुई कार्रवाई में जीएसटी टीम में जीएन शर्मा के अलावा प्रहलाद दांगी, निलेश यादव, गुड्डू काछी, कमलेंद्र पाल नरेंद्र मिश्रा शामिल रहे।
करोड़ों के फर्जी बिलों पर भुगतान पाने वाले जनप्रतिनिधियों पर भी कार्रवाई जरूरी
जिले में ग्राम पंचायतों में मटेरियल सप्लाई के नाम पर अरबों रुपए का घोटाला हुआ है। पंचायतों में मटेरियल सप्लाई के लिए गांव के प्रभावशाली लोगों से लेकर सरपंच और जनपद और जिला पंचायत सदस्यों द्वारा तक इस तरह की फर्जी फर्में तैयार कराई हैं। जनपद पंचायत लवकुशनगर की अध्यक्ष के पति द्वारा अपने नाम से फर्म बनाकर लाखों रुपए का मटेरियल सप्लाई किया है जबकि इस फर्म के द्वारा कहीं पर और किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं चुकाया गया है। इसी तरह जनपद पंचायत गौरिहार के अध्यक्ष ने अपनी पत्नी व बेटे के नाम से मटेरियल सप्लाई की है। इस मामले को लोकजनशक्ति पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष लखन अनुरागी द्वारा प्रमुखता से उठाया गया है। इनके द्वारा बिल और पर्याप्त दस्तावेजों के साथ कलेक्टर से लेकर अन्य वरिष्ठ अधिकारियों तक से शिकायत की। दैनिक भास्कर द्वारा भी इस वित्तीय अनियमितता को प्रमुखता से प्रकाशित किया है। इसके बाद भी कलेक्टर द्वारा इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। मामले को दबाने के लिए जनपद सीईओ द्वारा जाचं समितियां रिकार्ड में बना ली गईं, लेकिन अब तक जांच समितियों द्वारा क्या किया गया। इसे उजागर नहीं किया गया और न ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है। जिले में इसी तरह के अन्य घोटाले भी हैं।

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