बिना लाइसेंस बेचा जा रहा कीटनाशक, कृषि विभाग की अनदेखी

बिना लाइसेंस बेचा जा रहा कीटनाशक, कृषि विभाग की अनदेखी

Bhaskar Hindi
Update: 2019-07-11 08:18 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!

डिजिटल डेस्क, दमोह। विगत दिनों तेंदूखेड़ा के एसडीएम गगन  बिसेन द्वारा नोहटा की एक दुकान में बिना लाइसेंस कीटनाशक दवा विक्रय करते पाए जाने पर कार्यवाही जरूर की थी लेकर अभी तक न केवल दमोह शहर में बल्कि गांव गांव में कृषि विभाग की अनदेखी के कारण कीटनाशक दवा व बीज बेचे जा रहे हैं ।जो अधिकृत कंपनी के हैं या नहीं जनता और कृषकों को चपत लग रही है। वर्तमान समय में खरीफ फसल की तैयारियां पूरे जिले में जोर-शोर से चल रही हैं। किसानों को बीज, खाद, कीटनाशक की जरूरत बोनी के समय या उसके बाद पड़ती है । लेकिन उनके द्वारा फसल की बोनी से पहिले उपयोगी वस्तुओं की खरीदी शुरू कर दी जाती है ।देखा गया है कि फसल की बोनी का समय देखते हुए व्यापारियों द्वारा जगह जगह अपनी दुकानें खोल ली जाती हैं। सोसाइटी में कई चक्कर लगाने के बाद भी खाद ,बीज ना मिलने के कारण परेशान किसान अपने गांव व आसपास के ग्रामों में खुली कीटनाशक व खाद की दुकानों से बीज, खाद व कीटनाशक अपनी सुविधानुसार क्रय कर लेते हैं या फिर शहर आकर इसे खरीदते हैं। किसानों को यही सुविधा आगे चलकर बीज के ना उगने, उपज कम होने, उनकी समस्या के रूप में सामने आती है।

विक्रय के लिए लाइसेंस जरूरी

उल्लेखनीय है कि खाद ,बीज व कीटनाशक विक्रय के लिए बेचने वाले को कृषि विभाग से लाइसेंस लेना पड़ता है चूकि लाइसेंस की प्रक्रिया पूरी होने में लगभग 1 से 2 माह का समय लग जाता है ।इस कारण गांव में भी इन सामग्रियों को बेचने वाले लाइसेंस की प्रक्रिया पूरी नहीं करते हैं और बोर्ड पर सिर्फ दुकान का नाम लिख कर खाद बीज , कीटनाशक बेचने लगते हैं ।

शहर व गांव में चल रहा अवैध व्यवसाय

जिले के तहसील मुख्यालय सहित जिला मुख्यालय पर भी किसान दुकानों में फसलों के लिए कीटनाशक ,बीज व खाद बेच रहे हैं अन्य विभाग के अधिकारियों द्वारा एसडीएम तेंदूखेड़ा की तरह यदि जांच की जाए तो ऐसी अनेक दुकानें मिल जाएंगी जिनमें बिना अनुमति के अमानक स्तर का बीज ,खाद व कीटनाशक बेचते हुए मिल जाएंगे।

ना लाइसेंस ना ही शिक्षा 

शासन के नियम के अनुसार खाद, बीज ब कीटनाशक दवाइयां बेचने के लिए जहां लाइसेंस जरूरी है। वहीं विक्रेता को शिक्षित विशेषकर बीएससी ,कृषि विषय में स्नातक या डिप्लोमा होना चाहिए। लेकिन इन सामग्रियों को बेचने वालो में कुछ ऐसे लोग हैं जिनके पास लाइसेंस व आवश्यक शिक्षा है ।बाकी शेष अन्य अशिक्षित हैं और उनके द्वारा यह कारोबार संचालित किया जा रहा है ।

इनका कहना है 

अभी हाल ही में कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा इस संबंध में जांच की गई थी लेकिन यदि इस प्रकार का कोई भी दुकानदार अमानक या नियम विरुद्ध सामग्री बिक्रय करते पकड़ा जाएगा तो कार्यवाही की जाएगी। वी एल कुरील  उपसंचालक कृषि दमोह

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