मानवता की मिसाल : घायल नेपाली शख्स को स्वस्थ कर घर पहुंचाया
मानवता की मिसाल : घायल नेपाली शख्स को स्वस्थ कर घर पहुंचाया
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नेपाल से रोजगार के लिए नागपुर में दाखिल हुआ एक व्यक्ति सड़क हादसे में जख्मी होकर लावारिस अवस्था में पड़ा था। उसे मेडिकल अस्पताल में भर्ती किया गया। स्वस्थ होने पर उसे उसके गांव भी पहुंचाया गया। इस कार्य में मेडिकल के डॉक्टर, समाजसेवा अधीक्षक तथा मन्नत फाउंडेशन का सहयोग रहा।
ऑपरेशन सफल रहा
नेपाल से कुछ वर्ष पूर्व पेकराज लिंबू पत्नी और दो बच्चों के साथ रोजगार के लिए नागपुर आया था। 6 मई को सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से जख्मी हो गया। जिस जगह पर दुर्घटना हुई, वहीं पर बेहोशी की हालत में वह पड़ा रहा। सूचना मिलने पर पुलिस ने उसे 108 एंबुलेंस से मेडिकल अस्पताल पहुंचाया। वार्ड क्रमांक 1 में भर्ती किया गया था। अधिष्ठाता तथा विभाग प्रमुख डॉ. सजल मित्रा के मार्गदर्शन में ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन सफल हो गया, लेकिन किडनी की समस्या पाई गई। इसके बाद मेडिसीन विभाग के वार्ड क्रमांग 26 में उपचार किया गया।
आई पुनर्वास की समस्या
स्वास्थ्य लाभ होने पर उसके पुनर्वास की समस्या खड़ी हो गई। समाजसेवा अधीक्षकों ने अपने स्तर से आश्रमों में रखने का प्रयास किया। किसी भी आश्रम में जगह नहीं मिलने से अंत में उसे उसके गांव पहुंचाने का निर्णय लिया गया। मरीज से मिली जानकारी के आधार पर गांव का पता लगाने के प्रयास किए गए। नेपाल पुलिस और सोशल मीडिया पर उसके बारे में जानकारी प्रसारित कर उसके रिश्तेदारों को खोजने का प्रयास किया गया, परंतु िकसी भी रिश्तेदार का पता नहीं चल पाया। नेपाल बॉर्डर पर कार्यरत सेवाभावी संस्था के सामाजिक कार्यकर्ता के सहयोग से आखिरकार उसके गांव का पता चला।
फिर ली जिम्मेदारी
जनऔषधि वैद्यक शास्त्र विभाग प्रमुख डॉ. नारलावार और सहयोग प्राध्यापक डॉ. अविनाश गावंडे के मार्गदर्शन में उसे गांव पहुंचाने की तैयारी की गई। मन्नत सामाजिक संस्था के कार्यकर्ता केदार अंबोकर ने उसे पहुंचाने की जिम्मेदारी स्वीकार की। 18 जून को नेपाल में उसके घर पहुंचाया गया। पूरा खर्च डॉ. अविनाश गावंडे तथा मन्नत सामाजिक संस्था ने वहन किया। लावारिस अवस्था में मिले में मिले मरीज का उपचार कर उसे घर पहुंचाए जाने से उसे नया जीवन मिला।