स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन मनाएंगे एक साथ , शुभ महासंयोगओं में मनाएंगे पर्व त्योहार
स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन मनाएंगे एक साथ , शुभ महासंयोगओं में मनाएंगे पर्व त्योहार
डिजिटल डेस्क, दमोह। भगवान भोलेनाथ शिव का महीना श्रावण मास 17 जुलाई से प्रारंभ हो रहा है । इस बार इस माह में आने वाले पर्व त्यौहार कई विशेष शुभ संयोगो में मनाएंगे। एसपीएम नगर स्थित श्री शिव शनि हनुमान मंदिर के पुजारी पं बालकृष्ण शास्त्री एवं पं आशुतोष गौतम शास्त्री के अनुसार हरियाली अमावस्या पर जहां 125 वर्षों बाद पंच महायोग का संयोग रहेगा तो वही नाग पंचमी का पर्व भगवान शिव के विशेष दिन सोमवार को होने के साथ त्रियोग का संयोग लेकर आएगा जिससे इन दोनों ही पर्व का महत्व अधिक बढ़ जाएगा।
30 दिन रहेगा सावन , पड़ेंगे चार सोमवार
पं बालकृष्ण शास्त्री एवं पं आशुतोष गौतम शास्त्री ने बताया कि कई वर्षों बाद 15 अगस्त को चंद्र प्रधान श्रवण नक्षत्र में स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन का संयोग बन रहा है । रक्षाबंधन के दिन राष्ट्रीय पर्व होने से देशभर में विशेष उमंग और उत्साह का वातावरण होगा । राखियां भी तिरंगे की ही मिलेंगी 17 जुलाई को सूर्य प्रधान उत्तराषाढ़ा नक्षत्र से सावन माह की शुरुआत हो रही है । इस दिन वज्र और विष् कुंभ योग भी बन रहा है । इस बार पूरे 30 दिन तक सावन है और इस दौरान चार सोमवार आएंगे । इसमें तीसरे सोमवार को त्रियोग का संयोग बन रहा है जो विशेष फलदाई होगा श्रावण मास के ग्रह नक्षत्र संकेत दे रहे हैं कि इस बार खंड वर्षा होगी मध्य प्रदेश सहित देश के अनेक इलाकों में रुक रुक कर वर्षा होगी कहीं बहुत ज्यादा तो कहीं कम बारिश होगी । 20 जुलाई को शुक्र ग्रह अस्त हो रहा है जो 22 सितंबर तक रहेगा किसी भी तरह के शुभ कार्य करना निषेध है।
हरियाली अमावस्या पर रहेंगे पंच महायोग
हरियाली अमावस्या 1 अगस्त को मनेगी इस दिन पंच महायोग का संयोग बन रहा है यह संयोग लगभग 125 वर्ष में आ रहा है इस दिन पहला सिद्धि योग दूसरा शुभ योग तीसरा गुरु पुष्य मृत योग चौथा सर्वार्थ सिद्धि योग और पांचवा अमृत सिद्धि योग का संयोग है पंच महायोग के संयोग में कुल देवी देवता तथा मां पार्वती की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन की रात्रि 9:00 बजे के बाद पंचक शुरू हो रहा है इसलिए इससे पूर्व राखी बनवाना श्रेष्ठ होगा नाग पंचमी के दिन चंद्र प्रधान हस्त नक्षत्र और त्रियोग का संयोग भी बन रहा है सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग अर्थात त्रियोग के संयोग में कालसर्प दोष निवारण के लिए पूजा करना फलदाई होगा