पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर शुरु हुई अनिश्चितकालिन हड़ताल

महाराष्ट्र पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर शुरु हुई अनिश्चितकालिन हड़ताल

Bhaskar Hindi
Update: 2023-03-14 16:27 GMT
पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर शुरु हुई अनिश्चितकालिन हड़ताल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग को लेकर मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार के लाखों कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। कर्मचारियों के इस कदम से राज्य प्रशासन का कामकाज बाधित हुआ। राज्य सरकार और नगर निकाय द्वारा संचालित अस्पतालों में काम करने वाले पैरामेडिक्सऔर सफाई कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल हुए हैं। इस बीच प्राथमिक शिक्षकों के शिखर संगठन महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने हड़ताल से बाहर निकलने का एलान किया है। यूनियनों और राज्य सरकार के बीच सोमवार को बातचीत विफल होने के बाद कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने का फैसला लिया। कर्मचारियों ने मंगलवार को सरकारी दफ्तरों और अस्पतालों के बाहर "एक ही मिशन, पुरानी पेंशन बहाल करो'' जैसे नारे लगाए। गौरतलब है कि एक दिन पहले ही, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पुरानी पेंशन योजना बहाली की राज्य सरकार के कर्मचारियों की मांग पर गौर करने के लिए वरिष्ठ नौकरशाहों के एक समिति की घोषणा की थी। अधिकारियों ने कहा कि पैनल समयबद्ध तरीके से अपनी रिपोर्ट देगा। मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कर्मचारियों से हड़ताल पर नहीं जाने की अपील की थी। पर कर्मचारी संगठनों ने अपील को ठुकराते हुए हड़ताल शुरु कर दी।

प्राथमिक शिक्षक संघ हड़ताल से बाहर

राज्य सरकार के लिए राहत की बात यह है कि प्राथमिक शिक्षकों के शिखर संगठन "महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ' मंगलवार को हड़ताल वापस लेने का एलान कर दिया। संघ के अध्यक्ष संभाजी थोरात ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए हम सरकारी को समय देना चाहते हैं। 

मुख्यमंत्री का आश्वासन, रिपोर्ट मिलने के बाद लेंगे फैसला

इस लिए हड़ताल वापस ले रहे हैं। विधानभवन में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस थोरात सहित स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। बैठक में शिंदे ने कहा कि सरकार पुरानी पेंशन बहाली को लेकर सकारात्मक है। इसको लेकर एक अभ्यास समिति गठित की जाएगी। इस समिति में सचिव स्तर के अधिकारी, शिक्षक संगठन, स्वास्थ्य विभाग कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों को शामिल किया जाएगा। निश्चित समय के भीतर समिति अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी इसके बाद पुरानी पेंशन योजना लागू करने को लेकर फैसला लिया जाएगा।

दोनों सदनों में मेस्मा विधेयक मंजूर

राज्य में सरकारी कर्मचारियों की जारी हड़ताल के बीच सरकार ने विधानसभा व  परिषद में महाराष्ट्र अत्यावश्यक सेवा परिरक्षण अधिनियम (मेस्मा) विधेयक को मंजूर करा लिया है। इससे हड़ताली कर्मचारियों के खिलाफ सरकार को कार्रवाई करने का अधिकार प्राप्त हो गया है। मंगलवार को राज्य के जलापूर्ति व स्वच्छता मंत्री गुलाबराव पाटील ने मेस्मा विधानसभा व विधान परिषद में विधेयक को पेश किया। विधान परिषद में विपक्ष की गैर मौजूदगी के कारण विधेयक को तुरंत मंजूर मिल गई। मंत्री पाटील ने बताया कि मेस्मा कानून  कीअवधि28 फरवरी 2023 को खत्म हो गई थी। इसलिए सरकार ने अगले पांच साल की अवधि विस्तार के लिए विधेयक मंजूर कराया है। पाटील ने कहा कि गैर कानूनी हड़ताल के समय अत्यावश्यक सेवाएं प्रभावित होती हैं। ऐसे में मेस्मा कानून के तहत हड़ताल करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।

जारी रहेगी अनिश्चितकालिन हड़ताल

हड़ताली कर्मचारियों के संगठन सरकारी-अर्ध सरकारी शिक्षक-शिक्षणेतर कर्मचारी समन्वय समितिने दावा किया है कि हड़ताल के पहले दिन राज्य के सभी 36 जिलों में प्रशासन,शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाएं ठप रही। समिति के निमंत्रक विश्वास काटकर ने कहा कि राज्यभर के 17 लाख कर्मचारी-शिक्षक 14 मार्च से अनिश्चितकालिन हड़ताल पर चले गए हैं। हड़ताल के पहले दिन 100 प्रतिशत सफलता मिली है। सरकारी कर्मचारियों की एकजुटता को देखते हुए सरकार को पुरानी पेंशन लागू करने को लेकर जल्द फैसला लेना पड़ेगा। काटकर ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना के तहत जिन्हें हर माह पेंशन के तौर पर 16 हजार रुपए मिलते,उन्हें केवल 1800 से 2200 हजार रुपए पेंशन के नाम पर मिलेंगे।उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से चर्चा करने को लेकर कोई प्रस्ताव नहीं आया इस लिए हड़ताल जारी रहेगी।  

 

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