अधिकारियों की नाक के नीचे हो रहा अवैध खनन-परिवहन, नहीं हो रही कार्रवाई
अधिकारियों की नाक के नीचे हो रहा अवैध खनन-परिवहन, नहीं हो रही कार्रवाई
डिजिटल डेस्क,नरसिंहपुर। जिले में नर्मदा सहित अन्य नदियों के घाटों से बेखौफ रेत का अवैध उत्खनन एवं परिवहन किया जा रहा है। रेत के अलावा बजरा मिट्टी एवं गिट्टी का भी यही हाल है। बीते माहों से कोई कार्रवाई नहीं होने से धड़ल्ले से ट्रेक्टर ट्राली और डंपर सड़कों पर दौड़ रहे हैं। जिला मुख्यालय सहित तहसील एवं ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों मिट्टी का अवैध खनन जोरों पर है। बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
गौरतलब है कि जिले में चल रहे विभिन्न निर्माण कार्यों में पुराव एवं बेसमेंट के लिए बजरा मिट्टी और डस्ट का जमकर उपयोग हो रहा है। सीमित खदानें होने के बाद भारी तादाद में यह सामग्री उपलब्ध हो रही है। अवैध रूप से खनन एवं परिवहन से लाखों रूपए के राजस्व की हानि भी शासन प्रशासन को हो रही है।
कलेक्टर के आदेश की अनदेखी
28 अक्टूबर को कलेक्टर अभय वर्मा ने खनिजों के अवैध परिवहन, भंडारण और उत्खनन को सख्ती से रोके जाने के निर्देश दिए थे। खनिज विभाग की जिला टास्क फोर्स समिति की बैठक मे कहा कि यदि कोई व्यक्ति खनिजों संबंधी नियमों का उल्लंघन करता है तो वाहन को राजसात करने की कार्रवाई को अनसुना किया जा रहा है।
स्टॉक से उठा रहे रेत
गोटेगांव तहसील क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर लगे रेत के स्टॉक की जब्ती बीते महीनों में राजस्व अमले ने की थी। इनके प्रकरणों के निराकरण की स्थिति तो स्पष्ट नहीं है, लेकिन वर्तमान में यहीं से रेत उठाकर बेची जा रही है। इसके अलावा कुछ घाटों पर रेत का अवैध उत्खनन भी चोरी छिपे किया जा रहा है।
मिट्टी खनन से दोहरा नुकसान
ग्रामीण क्षेत्रों से उठाई जा रह पीली मिट्टी के उत्खनन से दोहरा नुकसान हो रहा है। सूत्रों का कहना है कि कई स्थानों पर खाई जैसी स्थिति बन रही है, जिससे दुर्घटना का खतरा भी बना रहता है। कई स्थानों के टीले अब समतल मैदान और गहरे गड्ढे का रूप ले चुके हैं, लेकिन प्रशासन इस ओर आंखे मूंदे हुए है।