दो साल बाद भी हेरिटेज पाइंट में तब्दील नहीं हो सकी ऐतिहासिक इमारतें
मिनी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत नगर निगम ने तैयार किया था प्रस्ताव दो साल बाद भी हेरिटेज पाइंट में तब्दील नहीं हो सकी ऐतिहासिक इमारतें
पांच करोड़ खर्च किए जाने की थी योजना, लेकिन दो साल में काम ही शुरू नहीं कर पाया नगर निगम
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा । प्रदेश में सत्ता परिर्वतन के साथ ही शहर की ऐतिहासिक धरोहरों को सहेजने की योजना कागजों में सिमटकर रह गई। दो साल पहले जो प्रस्ताव बनकर तैयार किए गए थे। वह फाइलों में दफन होकर रह गए हैं। अफसरों का दावा था कि जनभागीदारी मद से शहर के अंदर की इन ऐतिहासिक धरोहरों को पांच करोड़ की लागत से सहेजने का काम किया जाएगा। ताकि शहर घूमने आने वाले पर्यटकों को शहर की पुरानी विरासतों से भी रूबरू करवाया जा सके। मिनी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत ये प्लानिंग निगम अधिकारियों ने तैयार की थी, लेकिन सत्ता के साथ बदले अफसरों के कारण सभी पुराने प्रोजेक्ट अब ठंडे बस्ते में हैं।
टाउन हॉल
1906 में बने टाउन हॉल को नए सिरे से डेवलप किए जाने का प्रस्ताव था। इस हॉल के लिए निगम अफसरों की प्लानिंग थी कि 250 लोगों के बैठने की व्यवस्था यहां की जाएगी। इसके अलावा पुराने भवन के गेट को हेरीटेज के स्वरूप में तैयार किया जाएगा। प्लानिंग का प्रजेंटेशन भी किया गया था। जिसमें इस भवन को कैसा स्वरूप दिया जाना है। इसकी पूरी प्लानिंग तैयार की गई थी।
क्या है भवन का महत्व: इस भवन से राजनीति के कई दिग्गजों की यादें जुड़ी हैं। ये भवन कभी जिले की राजनीति का बड़ा केद्र हुआ करता था।
हिंदी प्रचारिणी
सांस्कृतिक गतिविधियों को नया रूप देने के लिए हिंदी प्रचारिणी के भवन को नए सिरे से बनाया जाना तय किया गया था। प्लानिंग थी कि इस भवन में ई-लाइब्रेरी बनाई जाएगी। कॉम्पीटिशन एक्जाम की तैयारी कर रहे युवा इंटरनेट के माध्यम से पढ़ाई कर सकेंगे। भवन में वाई-फाई की सुविधा होगी। वहीं 250 की कैपेसिटी वाले ऑडिटोरियम को नए सिरे से तैयार किया जाएगा।
क्या है ऐतिहासिक महत्व: हिंदी प्रचारिणी वर्षों पुराना ऐतिहासिक भवन है। यहां हिंदी के प्रख्यात कवि व साहित्यकार अपना उद्बोधन दे चुके हैं।
अभी क्या स्थिति...
इन दोनों भवनों को नए सिरे से विकसित करने के पहले यहां से अतिक्रमणकारियों को हटाया गया था, ताकि इन भवनों का महत्व बना रहे। आज ये स्थिति है कि पहले जैसे हालात यहां बन गए हैं। भवन के सामने ही अतिक्रमकारियों के स्थाई ठिकाने हैं।
इनका कहना है...
कोरोना संक्रमण के चलते प्लानिंग आगे नहीं बढ़ पाई है, लेकिन निगम ने जो डेवलपमेंट की प्लानिंग तैयार की है। उसमें ये दोनों ही प्रोजेक्ट शामिल हैं।
-ईश्वरसिंह चंदेली ईई, नगर निगम