आपदा को अवसर बनाया, आमदनी के साथ बनाई पहचान
छिंदवाड़ा आपदा को अवसर बनाया, आमदनी के साथ बनाई पहचान
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा।कोरोना काल में उपजी आपदा को अवसर बनाकर अपने बुलंद इरादों से महिलाओं ने समाज में नई पहचान बनाई। दूसरोंं के यहां काम करने की बजाय खुद का स्टार्ट-अप शुरु किया। खुद आत्मनिर्भर बनी और अब मोहल्ले की दूसरी महिलाओं को भी अपने दम पर कुछ बनने की सीख दे रही हैं। महिलाओं के आत्म सम्मान की ये कहानी इंदिरा नगर निवासी महिलाओं की है।
वार्ड नं. 11 निवासी कविता यादव ने बताया कि तीन साल पहले तक मोहल्ले की महिलाएं दूसरी जगहों में काम पर जाया करती थी। कोरोना संक्रमण की शुरुआत हुई तो महिलाओं की नौकरी पर भी संकट छाने लगा। जिसके बाद हमने खुद का स्टॉर्टअप शुरु करने का फैसला किया। समृद्धि अनुपमा स्व-सहायता समूह के नाम पर खुद के काम की शुरुआत की। सबसे पहले मास्क बनाना शुरु किया। दिक्कतें भी आई, लेकिन पीछे नहीं हटी, धीरे-धीरे अन्य महिलाएं भी हमारे साथ जुडऩे लगी। आज स्थिति ये है कि समूह में 10 महिलाएं है। खुद काम करके नए-नए प्रोडक्ट तैयार करती हैं। तीन साल बाद स्थिति ये है कि समूह को हर माह 15 से 20 हजार की आय हो रही है। हर महिला डेढ़ से दो हजार रुपए प्रतिमाह की कमाई कर रही हंै।
मल्टीग्रेन दलिया, आवला कैंडी का उत्पादन
महिलाओं द्वारा शुरुआत में मास्क बनाने से काम शुरु किया था, बाद में स्कूल ड्रेस और अब मल्टीगे्रन दलिया, आंवला केंडी, गेहूं का दलिया, सेनेटरी पेड और अन्य सामानों का भी उत्पादन कर रही है। समूह की अध्यक्ष श्रीमति कविता यादव ने बताया कि आगे और भी प्रोडक्ट को बनाने की योजना है।
खुद कर रही मार्केंिटंग, बड़े शहरों में डिमांड
अपने बनाए प्रोडक्ट की मार्केटिंग भी महिलाएं खुद कर रही है। ऑनलाइन बिक्री के अलावा स्टॉल लगाकर और अन्य माध्यमों से भी अपने प्रोडक्ट को बेचा जाता है। महिलाओं द्वारा बनाए गए प्रोडक्ट की सप्लाई भोपाल, इंदौर जैसे महानगरों में भी की जाती है।
ये महिलाएं हैं समूह में
समृद्धि अनुपमा स्व-सहायता समूह में अध्यक्ष कविता यादव तो सदस्य के रुप में नन्नी सेन, ज्योति उसरेठे, शारदा सराठे, कंचन मालवी, नैनसी, ज्योति इवनाती, राधा खरे शामिल है। जो खुद ही अपने प्रोडक्ट का निर्माण करती है।