एलफिंस्टन स्टेशन : मौत के बाद ही क्यों जागे याचिकाकर्ता, हाईकोर्ट की फटकार 

एलफिंस्टन स्टेशन : मौत के बाद ही क्यों जागे याचिकाकर्ता, हाईकोर्ट की फटकार 

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-06 15:38 GMT
एलफिंस्टन स्टेशन : मौत के बाद ही क्यों जागे याचिकाकर्ता, हाईकोर्ट की फटकार 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। एलफिंस्टन रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ को लेकर याचिका दायर करनेवाले  को सामाजिक कार्यकर्ताओं को बांबे हाईकोर्ट ने फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा को लेकर याचिका दायर करनेवाले एक्टिविस्ट इस हादसे में कई लोगों की मौत के बाद क्यों जागे हैं? जब्कि हादसे से पहले सभी ने अपनी आंख बंद रखी थी। अब घटना हो चुकी है, तो खुद को एक्टविस्ट बतानेवाले जाग चुके हैं।

हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर

29 सितंबर को एलफिंस्टन रोड रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ में 23 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि 30 से अधिक लोग घायल हो गए थे। घटना के बाद हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई। जिसमें कहा गया कि रेलवे को यात्रियों की सुरक्षा के लिए जरुरी कदम उठाने का निर्देश दिया जाए। इसे लेकर ठाणे निवासी विक्रांत तावडे और दक्षिण मुंबई की कांग्रेस नेता स्मिता मयंक ध्रुव ने जनहित याचिका दायर की है। 

याचिकाकर्ता से कोर्ट ने पूछा सवाल

एक याचिका में हादसे की न्यायिक जांच करने की मांग की है, जबकि दूसरी याचिका में भीड़ प्रबंधन के संबंध में रेलवे को जरुरी कदम उठाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। खंडपीठ ने अगली सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ध्रुव से कहा कि वे बताए कि एलफिंस्टन स्टेशन पर उन्होंने कौन से सामाजिक कार्य किए हैं। फिलहाल मामले की सुनवाई चार सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी है।

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